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पाकिस्तान से सटे राज्यों में फिर होगी मॉक ड्रिल; पंजाब, राजस्थान, गुजरात में कल शाम बजेंगे सायरन!

Mock Drill: पाकिस्तान के साथ बॉर्डर शेयर करने वाले लगभग सभी राज्यों में एक बार फिर मॉक ड्रिल की खबरें आ रही हैं. बताया जा रहा है कि कल यानी 29 मई की शाम को कई राज्यों में एक बार फिर से मॉक ड्रिल होगी. 

पाकिस्तान से सटे राज्यों में फिर होगी मॉक ड्रिल; पंजाब, राजस्थान, गुजरात में कल शाम बजेंगे सायरन!
Tahir Kamran|Updated: May 28, 2025, 03:23 PM IST
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Mock Drill: भारत पाकिस्तान के बीच यूं तो सीजफायर हो चुकी है लेकिन अभी हालात नॉर्मल नहीं हुए हैं. क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आ रही है कि बॉर्डर वाले राज्यों में एक बार फिर मॉकड्रिल होगी. पाकिस्तान से सटे भारतीय राज्यों-गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में गुरुवार, 29 मई को नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल होने वाली है. 

इससे पहले भी सरकार ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल कराने का ऐलान किया था. हालांकि 6 मई की रात में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला बोलते हुए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकियों की कमर तोड़ दी थी. दावा किया गया है कि भारत ने इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा था.

पहगलाम हमला
पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत की ये कार्रवाई पहलगाम हमले का बदला था.  दरअसल, 22 अप्रैल आतंकवादियों ने पहलगाम के खूबसूरत बैसरन घाटी में कायराना हमलाकर 26 टूरिस्ट्स  की हत्या कर दी थी. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी.

इसके कुछ दिन बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में मौजूद उसके नौ आंतकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. भारत की इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 14 लोग मारे गए थे. इस बारे में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की तरफ से बयान जारी कर बताया गया था कि भारतीय कार्रवाई में मसूद अज़हर की बड़ी बहन और बहनोई, भांजे की पत्नी और भांजी के अलावा पांच बच्चों की मौत हुई है.

बता दें कि मसूद अज़हर पर ही पुलवामा हमले का आरोप है, जिसमें सिक्योरिटी फोर्सेस के  40 जवान शहीद हो गए थे. हालांकि,  मसूद अज़हर की सबसे ज़्यादा चर्चा कंधार हाईजैक के वक्त हुई थी. साल 1999 में कंधार हाईजैक के दौरान जिन तीन कट्टरपंथियों को रिहा करने की मांग की गई थी, उनमें मसूद अज़हर का भी नाम शामिल था.

 

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