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जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है सरकार, मॉनसून सत्र में तैयारी

Justice Yashwant Verma Case: केंद्र सरकार दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ अगले मॉनसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है. घर पर कैश मिलने के मामले में ऐसे प्रस्ताव की तैयारी है.

Justice Yashwant Verma Case
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Updated: May 28, 2025, 06:32 AM IST
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Justice Yashwant Verma Case: दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर नकदी मिलने के मामले में केंद्र सरकार बड़ा कदम उठा सकती है. वो जस्टिस वर्मा के खिलाफ आगामी मॉनसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है. यह कदम सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय समिति द्वारा जज के खिलाफ आरोपों को ठोस पाए जाने के बाद और सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना की ओर से महाभियोग की सिफारिश के बाद उठाया जा सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आंतरिक पैनल द्वारा दोषी पाए जाने के बाद यह कदम उठाया जा सकता है. तीन मई को सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने जज के सरकारी आवास पर आग लगने के बाद कैश मिलने के मामले में अपनी रिपोर्ट दी थी. 14 मार्च को इस अग्निकांड के बाद तहलका मच गया था.

चीफ जस्टिस ने 22 मार्च को जांच पैनल गठित किया था. इसमें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनु शिवरामन शामिल थे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने जांच रिपोर्ट के साथ महाभियोग की सिफारिश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी है.जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने को कहा गया था, लेकिन समझा जाता है कि उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया है. उनका ट्रांसफर 20 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट में 5 अप्रैल को कर दिया गया था. लेकिन उन्हें कोई नया कामकाज नहीं दिया गया है.

माना जाता है कि राष्ट्रपति ने तब के सीजेआई की सिफारिश को राज्यसभा के चेयरमैन और लोकसभा स्पीकर को भेज सकती हैं. सरकार के सूत्रों का कहना है कि पूर्व सीजेआई की रिपोर्ट में महाभियोग की सिफारिश के बाद संसद में प्रस्ताव लाया जा सकता है. राज्यसभा में यह प्रस्ताव कम से 50 सांसदों और लोकसभा में 100 सांसदों द्वारा लाया जा सकता है. सरकार इस मुद्दे पर विपक्षी दलों को भी भरोसे में लेगी, क्योंकि दोनों ही सदनों में ऐसा प्रस्ताव दो तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी है.लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ विपक्षी दलों से संपर्क साध सकते हैं. 

 

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