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'मोदी के टिफिन में गुड़-मूंगफली थी...', PM को किसने बताया तपस्वी, 27 साल बाद पहली मुलाकात का अब किया खुलासा, देखें वीडियो

Steel Industrialist M L Mittal reaction On PM Modi: 'मोदी का जीवन तपस्वी की तरह था. वह न एसी में सोते, न होटल में रुकते. फलाहार करते, जमीन पर सोते और जहां भी जाते, अपने साथियों के घर में ठहरते थे. एक बार उन्होंने अपना टिफिन निकाला जिसमें सिर्फ गुड़ और मूंगफली थी और कहा, 'यही मेरा भोजन है.' मुझे यकीन नहीं हुआ कि ऐसा कोई व्यक्ति भी हो सकता है. जानें किसने कही ये सब बातें.

'मोदी के टिफिन में गुड़-मूंगफली थी...', PM को किसने बताया तपस्वी, 27 साल बाद पहली मुलाकात का अब किया खुलासा, देखें वीडियो
krishna pandey |Updated: Jul 03, 2025, 11:49 AM IST
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M L Mittal reaction On PM Modi first Meeting: भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और कूटनीतिक प्रभाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. जिसे बढ़ाने में सबसे बड़ा सहयोग कर रहे हैं देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी. पीएम मोदी इन दिनों 2 जुलाई से 10 जुलाई तक पांच देशों की यात्रा पर हैं. सबसे पहले वह घाना गए हैं. जहां पर अफ्रीकी देश घाना ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से उन्हें नवाजा है. यह न केवल भारत के लिए एक गर्व का क्षण है, बल्कि दोनों देशों के बीच मजबूत हो रहे रिश्तों का प्रतीक भी है. पीएम मोदी को मानने वाले पूरी दुनिया में हैं. इसी बीच एक ऐसा वीडियो भी सामने आया जिसमें एक आदमी ने उन्हें तपस्वी बताया और उनके पुराने दिनों की कई सारी बातें दुनिया को बताई. आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर.

उद्योगपति ने किया पीएम मोदी को लेकर खुलासा
उद्योगपति और स्टील कारोबारी एम.एल. मित्तल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किया है. जिसमें उन्होंने पीएम मोदी की सादगी, सेवा-भावना और नेतृत्व की मिसाल को याद किया. उन्होंने बताया कि पहली बार उनकी मुलाकात नरेंद्र मोदी से वर्ष 1998 में न्यूयॉर्क में हुई थी, जब वह एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे.

मैं मोदी के सोच का मुरीद हो गया
एम.एल. मित्तल ने एक वीडियो में बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य था – "दुनिया एक परिवार है" यानी 'वसुधैव कुटुंबकम'. उस दौरान संयुक्त राष्ट्र द्वारा गरीबी उन्मूलन पर एक वैश्विक बैठक आयोजित की गई थी. मित्तल बताते हैं कि उस समय नरेंद्र मोदी किसी सरकारी पद पर नहीं थे, फिर भी उनकी जानकारी और वैश्विक दृष्टिकोण ने उन्हें बेहद प्रभावित किया. उन्होंने कहा, "इतने युवा होते हुए भी नरेंद्र मोदी की सोच बहुत परिपक्व थी. उन्होंने मुझसे पूछा कि आप मेरी क्या मदद कर सकते हैं, यह विनम्रता और समर्पण दुर्लभ है."

जब पीएम मोदी के टिफिन में निकली टिफिन गुड़ और मूंगफली 
मित्तल बताते हैं कि मोदी का जीवन तपस्वी की तरह था. वह न एसी में सोते, न होटल में रुकते. फलाहार करते, जमीन पर सोते और जहां भी जाते, अपने अनुयायियों के घर में ठहरते थे. एक बार उन्होंने अपना टिफिन निकाला जिसमें सिर्फ गुड़ और मूंगफली थी और कहा, 'यही मेरा भोजन है.' मुझे यकीन नहीं हुआ कि ऐसा कोई व्यक्ति भी हो सकता है.

खुद बनाते चाय, सादगी पर क्या कहा?
मित्तल ने एक और किस्सा साझा किया. जब वह एक जगह उनके साथ ठहरे थे. उन्होंने देखा कि नरेंद्र मोदी सुबह पांच बजे उठकर बाकी साथियों के लिए चाय बनाते और टेबल सजाते. जब मित्तल ने टोका तो जवाब मिला, “यह मेरा काम है, सेवा मेरी आदत है.” जब नरेंद्र मोदी भाजपा के महासचिव बनाए गए और दिल्ली बुलाया गया, तब मित्तल ने सोचा था कि अब वह सरकारी सुविधा में रहेंगे. लेकिन वह एक साधारण सांसद के सर्वेंट क्वार्टर में बिना पंखे, बिना एसी के रहते थे. मित्तल बताते हैं, “जब मैं मिलने गया तो वह पजामा पहने खड़े थे. हाथ में पानी का मग था और गर्मी में पसीने से भीगे हुए थे. फिर भी चेहरे पर वही मुस्कान थी. बोले, 'ऑफिस में मैं बॉस हूं.'

पीएम मोदी पर जताया गर्व
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने कभी सत्ता के लिए नहीं, सेवा के लिए राजनीति की राह चुनी. मित्तल कहते हैं कि वह जहां भी जाते, खुद के लिए कुछ नहीं लेते. उन्हें जब भी विदेश दौरे पर 25 डॉलर का भत्ता मिलता, उसमें से बचाकर भारत लौटते और पार्टी फंड में जमा कर देते. वो कहते थे, यह जनता का पैसा है, सेवा में लगना चाहिए.
मित्तल ने इस बात पर गर्व जताया कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात में जो विकास मॉडल स्थापित किया, वह आज दुनिया के सामने एक उदाहरण बन गया है. उनकी योजनाएं और कार्यशैली आज भी उसी तप, त्याग और अनुशासन से प्रेरित हैं, जो मैंने 1998 में पहली बार देखा था. (इनपुट आईएएनएस से)

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