Farooq Abdullah Statement: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने नागरिक संहिता कानून (UCC) पर बयान दिया है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर वे (केंद्र सरकार) UCC लागू करते हैं तो उन्हें किसी भी संभावित तूफान के बारे में सोचना चाहिए.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें (केंद्र सरकार) सोचना चाहिए कि देश विविधतापूर्ण है, यहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं और मुसलमानों का अपना शरीयत कानून है. वे अगर यूसीसी लागू करते हैं तो उन्हें किसी भी संभावित तूफान के बारे में सोचना चाहिए. पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें (सरकार) इस सब पर विचार करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने के बजाय इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए. उन्हें किसी भी संभावित तूफान के बारे में सोचना चाहिए जो ऐसा करने (यूसीसी लागू करने) से आएगा.
#WATCH | National Conference (NC) chief Farooq Abdullah speaks on Uniform Civil Code (UCC)
"They (Central govt) should think that the country is diverse, people of all religions live here, and Muslims have their own Shariat law. They should think about any possible storm that… pic.twitter.com/UZzNRtKuAw
— ANI (@ANI) June 29, 2023
उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूसीसी के लिए कड़ी वकालत करने के दो दिन बाद आई है. उन्होंने कहा था कि कोई देश व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले दोहरे कानूनों के साथ कैसे काम कर सकता है. पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष यूसीसी के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि आप मुझे बताएं, एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून और दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून कैसे हो सकता है? क्या वह घर चल पाएगा? तो फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था के साथ देश कैसे चल पाएगा?
पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग (विपक्ष) हम पर आरोप लगाते हैं लेकिन हकीकत ये है कि ये लोग मुसलमान-मुसलमान का जाप करते हैं. अगर वे वास्तव में मुसलमानों के हित में (काम कर रहे) होते, तो मुस्लिम परिवार शिक्षा और नौकरियों में पीछे नहीं होते.
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