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चचा को क्यों दिया गच्चा...अजित पवार ने खोला राज, NCP स्थापना दिवस पर शरद पवार को घेरा

Ajit Pawar vs Sharad Pawar:एनसीपी स्थापना दिवस में अजित पवार और शरद पवार गुट के विलय की संभावनाओं को लेकर चर्चा तेज हैं. लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में इन अटकलों पर फिलहाल दोनों धड़ों में से किसी ने भी नरमी का संकेत नहीं दिया है. 

sharad pawar ajit pawar
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Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jun 11, 2025, 08:31 AM IST
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NCP Maharashtra Politics: एनसीपी स्थापना दिवस में अजित पवार और शरद पवार गुट के विलय की संभावनाओं को लेकर चर्चा तेज हैं. लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में इन अटकलों पर फिलहाल दोनों धड़ों में से किसी ने भी नरमी का संकेत नहीं दिया है. महाराष्ट्र में सबकी निगाहें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के स्थापना दिवस पर थीं और पार्टी के दोनों धड़ों ने अलग-अलग कार्यक्रम का आयोजन किया.कयास लगाए जा रहे थे कि क्या शरद पवार या अजित पवार ऐसा कोई संकेत देंगे कि दोनों गुटों का भविष्य में विलय हो सकता है, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. इससे उलट, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से अलग होने की वजहों को गिनाया.

50 सालों के राजनीतिक करियर में शरद पवार ने कभी भाजपा के साथ हाथ नहीं मिलाया, लेकिन एनसीपी के सर्वेसर्वा रहे शरद पवार के रुख से अलग अजित पवार ने कहा कि राजनीति में हम साधु संत नहीं हैं. देश सेवा या समाजसेवा के लिए सत्ता में आना जरूरी है. संगठन का मनोबल कायम रखना जरूरी है. सिर्फ विपक्ष में बैठकर राजनीति करने से पार्टी आगे नहीं बढ़ने वाली. 

छत्रपति शिवाजी स्पोर्ट्स स्टेडियम में हुई रैली में पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से नगर निकाय चुनाव के लिए तैयारी करने को कहा. शरद पवार का नाम लिए बिना अजित पवार ने कहा, कुछ लोग हमारे बीजेपी के साथ जाने को लेकर सवाल करते हैं, लेकिन 2019 में महाविकास अघाड़ी बना था, उसमें हिन्दुत्व वादी पार्टी शिवसेना शामिल थी, तब क्या विचारधारा से समझौता नहीं किया गया था. अब हम पर सवाल क्यों किया गजा रहा है. राजनीति के पुराने धुरंधरों नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडूके भी बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के साथ जाने का उदाहरण भी अजित पवार ने दिया. 

विलय पर भी बोले
अजित पवार ने शरद पवार गुट के साथ विलय की संभावनाओं पर भी कहा, कुछ पार्टी नेताओं की ये राय हो सकती है, लेकिन नेतृत्व के स्तर पर अभी ऐसा कुछ नहीं हुआ है. शरद पवार ने भी पुणे में पार्टी स्थापना दिवस कार्यक्रम में भतीजे से सुलह के कोई संकेत नहीं दिया. हालांकि सुप्रिया सुले का रुख जरूर नरम रहा है.

माना जा रहा है कि शरद पवार अगर राजनीतिक फैसलों की जिम्मेदारी सुप्रिया सुले पर छोड़ते हैं तो फिर दोनों धड़ों में एका होने की संभावनाएं बढ़ेंगी. सुप्रिया सुले विदेश गए उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक मोर्चे पर जवाब देने के लिए भारत ने शुरू किया था. उनका रुख नरम भी रहा है. 

एनसीपी बनेगी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी
महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के पास 132 विधायक हैं, जो बहुमत के करीब है. भाजपा ने 26.77 फीसदी वोट और महागठबंधन के जरिये प्रचंड बहुमत हासिल किया. एनसीपी अजित गुट ने 9 फीसदी वोट के बावजूद 41 विधायक जीते, जबकि शरद पवार गुट 11.28 फीसदी वोट के बावजूद 10 विधायक ही जिता पाई. एनसीपी के दोनों धड़े साथ आते हैं तो 20 फीसदी से ज्यादा का वोट बैंक बनेगा, जो भाजपा के पास सबसे बड़ा होगा. लोकसभा में शरद पवार गुट के आठ सांसद हैं और अजित गुट का मात्र एक. ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति में उसका दमखम बढ़ेगा.

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