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इस राज्य में मुख्यमंत्री ने दिया महिलाओं को बड़ा तोहफा, हर मां के खाते में आएंगे 40,000 रुपये

CM Prem Singh Tamang: सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने आमा सशक्तिकरण योजना की शुरुआत की. इसके तहत 32,000 गैर-कामकाजी माताओं को बीस-बीस हजार रुपये वितरित किए. तमांग की जेल से रिहाई की आठवीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित इस प्रोग्राम में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए'नारी अदालतों' का भी ऐलान किया गया.  

इस राज्य में मुख्यमंत्री ने दिया महिलाओं को बड़ा तोहफा, हर मां के खाते में आएंगे 40,000 रुपये
Md Amjad Shoab|Updated: Aug 10, 2025, 08:35 PM IST
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Sikkim Amma Samman Diwas: सिक्किम सरकार ने आमा स्कीम के तहत 32000 गैर-कामकाजी  महिलाओं (जो मां हैं ) को बीस-बीस हजार रूपये की पहली किस्त जारी कर दी.  मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने रविवार को 20,000-20,000 रुपये के ये चेक लाभार्थी महिलाओं को सौंपे. इस स्कीम के तहत सभी बेरोजगार महिलाओं को राज्य सरकार की तरफ से हर साल चालीस हजार (40000) रूपये मिलेंगे.

सिक्किम सरकार ने भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल से तमांग की रिहाई की आठवीं वर्षगांठ के मौके परइस दिन को 'अम्मा सम्मान दिवस' के रूप में मनाया. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, 'आज रंगपो में 8 जनवरी उन्मुक्ति दिवस और प्रथम आमा सम्मान दिवस के मौके पर मुझे और मेरी प्यारी मां को जो स्नेह और प्यार मिला, उससे मैं बहुत प्रभावित और अभिभूत हूं.' उन्होंने आगे कहा, 'मेरे लोगों और मेरे परिवार द्वारा इतने खुले दिल से स्वागत किया जाना एक ऐसी भावना है, जिसे लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता. आपका प्यार, आपका आशीर्वाद और आपका समर्थन हमारे लिए आपकी कल्पना से कहीं ज़्यादा मायने रखता है. तहे दिल से आपका शुक्रिया.'

इस दौरान अफसरों ने बताया कि जो गैर-कामकाजी माताएं इस स्कीम से बाहर रह गई हैं, उन्हें धीरे-धीरे इस स्कीम में शामिल किया जाएगा. दरअसल, तमांग ने अक्सर देश के सबसे कम आबादी वाले राज्य सिक्किम में घटती प्रजनन दर पर चिंता जाहिर की है. इससे पहले उन्होंने लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अन्य लाभों की घोषणा की थी.

'मेरी मां भी मेरे कैद से बहुत परेशान थीं'

रंगपो में आयोजित प्रोग्राम में मुख्यमंत्री की मां धन माया तमांग भी मौजूद थीं. समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने जेल में बिताए अपने अनुभवों को साझा किया और दावा किया कि पिछली सरकार ने उन्हें इस मामले में 'झूठा फंसाया' था. उन्होंने कहा कि 'मेरी मां भी मेरे कैद से बहुत परेशान थीं, जो स्वाभाविक है.' 

'नारी अदालत' 

तमांग ने इस मौके पर यह भी ऐलान किया कि महिला, बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांगजनों के लिए  डिपार्टमेंट के अंतर्गत 'नारी अदालतें' स्थापित की जाएंगी. उन्होंने कहा, 'नारी अदालत महिलाओं द्वारा संचालित एक समुदाय-आधारित मंच है, जो खासतौर से से सिक्किम के ग्रामीण और सेमी-अर्बन क्षेत्रों में है.' उन्होंने आगे कहा कि यह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के कार्यक्रम मिशन शक्ति के तहत 'संबल' उप-योजना का हिस्सा है. सीएम तमांग ने कहा ति, 'नारी अदालत के पीछे का विचार महिलाओं को फॉर्मल कोर्ट सिस्टम पर पूरी तरह निर्भर हुए बिना, उन विवादों और सामाजिक मुद्दों से निपटने के लिए सशक्त बनाना है जो उन्हें सीधे प्रभावित करते हैं.'

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