trendingNow12774724
Hindi News >>देश
Advertisement

श्रीनगर छोड़ पहलगाम में कैबिनेट बैठक, उमर अब्दुल्ला सरकार की क्या है प्लानिंग? वादियों के बीच दरबार लगाने के पीछे ये है वजह

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक महीने बाद उमर अब्दुल्ला सरकार पहली बार पहलगाम में कैबिनेट बैठक करने जा रही है. सीएम उमर अब्दुल्ला और उनकी कैबिनेट दो दिनों के लिए राजधानी श्रीनगर से बाहर पहलगाम और गुलमर्ग के पर्यटक रिसॉर्ट्स में जाएंगी.

श्रीनगर छोड़ पहलगाम में कैबिनेट बैठक, उमर अब्दुल्ला सरकार की क्या है प्लानिंग? वादियों के बीच दरबार लगाने के पीछे ये है वजह
Sumit Rai|Updated: May 27, 2025, 08:14 AM IST
Share

Omar Abdullah Cabinet Meeting in Pahalgam: जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार पहलगाम में कैबिनेट बैठक करने जा रही है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लोगों में विश्वास पैदा करने और पर्यटकों को कश्मीर लौटने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सीएम उमर अब्दुल्ला और उनकी कैबिनेट दो दिनों के लिए राजधानी श्रीनगर से बाहर पहलगाम और गुलमर्ग के पर्यटक रिसॉर्ट्स में जाएंगी. जम्मू-कश्मीर कैबिनेट और शीर्ष सिविल और पुलिस अधिकारी श्रीनगर के सिविल सचिवालय में नहीं, बल्कि मंगलवार को पहलगाम के एक रिसॉर्ट में मिलेंगे. यह बैठक पहलगाम के मैदानी इलाकों में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय व्यक्ति के मारे जाने के एक महीने बाद हो रही है.

क्या है पहलगाम में बैठक का उद्देश्य?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सीएम के सलाहकार नासिर असलम वानी ने कहा, 'जाहिर है, अगर हम इन जगहों पर नहीं जाएंगे तो कौन जाएगा?' उन्होंने आगे कहा, 'इस बैठक के मुख्य 2 उद्देश्य हैं. पहला- हम इन दूर-दराज के स्थानों पर जाएं और जमीनी स्तर से प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करें. और दूसरा- मौजूदा स्थिति में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम लोगों में विश्वास जगाने के लिए वहां जाएं.

सीएम अब्दुल्ला करेंगे बैठक की अध्यक्षता

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व्यक्तिगत रूप से बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें मुख्य सचिव अटल डुल्लू भी शामिल होंगे. सीएम और उनकी कैबिनेट पहलगाम में पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों से भी मुलाकात कर सकती है. बुधवार को उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में एक पर्यटक स्थल पर भी इसी तरह की बैठक होने वाली है. कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वीके बिरदी के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है.

ये बैठकें ऐसे समय में हो रही हैं जब घाटी में पर्यटन को गंभीर झटका लगा है. इस क्षेत्र के हितधारकों का कहना है कि 90 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो गई हैं. एक अधिकारी ने कहा, 'उम्मीद है कि ये (बैठकें) पर्यटन से जुड़े लोगों के साथ-साथ पर्यटकों में भी यह भरोसा जगाएंगी कि घाटी में वापस आना सुरक्षित है.' दरअसल, शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक के दौरान सीएम उमर अब्दुल्ला ने सुझाव दिया कि सुरक्षा संबंधी आशंकाओं को दूर करने के लिए संसदीय सलाहकार समिति, संसदीय स्थायी समिति और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बैठकें जम्मू-कश्मीर में आयोजित की जानी चाहिए.

पहले भी राजधानी से बाहर हो चुकी है बैठक

यह पहली बार नहीं है, जब उमर अब्दुल्ला और उनका मंत्रिमंडल राज्य की राजधानी से बाहर गया है. मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने मई 2012 में तंगधार में नियंत्रण रेखा पर एक कैबिनेट बैठक की थी, ताकि शासन को लोगों के दरवाजे तक लाया जा सके. कश्मीर के ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रऊफ ट्रंबू ने कहा कि बैठकें एक स्वागत योग्य निर्णय हैं, लेकिन लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए, हमें कुछ ठोस चीजें करने की जरूरत है.

रऊफ ट्रंबू  ने कहा, 'पर्यटकों के बीच भरोसा बनाने के लिए सरकार को सबसे पहले उन जगहों को खोलना चाहिए, जिन्हें पर्यटकों के प्रवेश से बाहर रखा गया है. और दूसरी बात यह है कि ट्रैकिंग ट्रेल्स को खोला जाए, खास तौर पर ग्रेट लेक्स ट्रेक या टारसर मार्सर जैसे सुरक्षित ट्रेल्स को खोला जाना चाहिए.

Read More
{}{}