Omar Abdullah rejects canal idea: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिंधु प्रणाली की 3 पश्चिमी नदियों के अतिरिक्त पानी को हरियाणा, पंजाब और राजस्थान मोड़ने के लिए एक नहर बनाने के आइडिये को खारिज कर दिया. अब्दुल्ला ने पंजाब के साथ 45 साल पुराने शाहपुर कंडी बैराज विवाद का हवाला देते हुए कहा- 'क्या उन्होंने हमें पानी दिया था?'
45 साल पुराना विवाद
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से जब पूछा गया कि भारत कथित तौर पर सिंधु नदी प्रणाली की तीन पश्चिमी नदियों से अतिरिक्त पानी को हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की ओर मोड़ने के लिए नहर का निर्माण कर रहा है, तो उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी. शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में उमर ने कहा, 'मुझे पंजाब में पानी क्यों भेजना चाहिए. मैं इसकी अनुमति कभी नहीं दूंगा. हमें अपने पानी का इस्तेमाल खुद के लिए करना चाहिए. जम्मू में सूखे जैसी स्थिति है. मुझे पंजाब को पानी क्यों भेजना चाहिए? सिंधु जल संधि के तहत पंजाब के पास पहले से ही पानी है. क्या उन्होंने हमें तब पानी दिया जब हमें इसकी जरूरत थी.'
अबदुल्ला के बयान से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री दोनों के बीच सालों पुराना विवाद अब तक नहीं भूले हैं.
अपने बयान में अब्दुल्ला ने पठानकोट में शाहपुर कंडी बैराज के निर्माण को लेकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर सरकारों के बीच 45 साल पुराने विवाद का हवाला दिया. 1979 में हस्ताक्षरित, दोनों क्षेत्रों के बीच समझौता केंद्र की मध्यस्थता के बाद 2018 में ही फलीभूत हुआ.
मकसद
बैराज का उद्देश्य रावी नदी से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को रोकना है. अब्दुल्ला ने कहा, 'कितने साल उन्होंने हमें रुलाया. प्रस्तावित 113 किलोमीटर लंबी नहर का क्या होगा मैं नहीं जानता फिलहाल पानी हमारे लिए है. हम पहले पानी का इस्तेमाल करेंगे और फिर दूसरों के बारे में सोचेंगे.'
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