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One Nation One Election: दक्षिण भारत से किसने उठाई 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की आवाज, क्या स्टालिन को मना लेंगे पवन कल्याण?

Pawan Kalyan: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने देश में एक ही चुनाव होने की पैरवी करते हुए बार-बार चुनाव होने के नुकसान बताए. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आचार संहिता लगने से विकास कार्यों पर लगने वाला ब्रेक राज्य को काफी पीछे कर देता है. 

One Nation One Election: दक्षिण भारत से किसने उठाई 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की आवाज, क्या स्टालिन को मना लेंगे पवन कल्याण?
Rahul Vishwakarma|Updated: May 26, 2025, 08:54 PM IST
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देश में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के समर्थन में दक्षिण भारत से एक बार फिर आवाज उठी है. आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने One Nation, One Election का समर्थन करते हुए कहा कि एक चुनाव की दिशा में देश को आगे बढ़ना चाहिए.  उन्होंने कहा कि देश में बार-बार होने वाले चुनावों से विकास कार्य रुकते हैं, जबकि एक साथ चुनाव होने से विकास की गति तेज होगी और जनता के हित में बेहतर निर्णय लिए जा सकेंगे. पवन कल्याण ने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन से भी अपील की है कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए 'एक राष्ट्र एक चुनाव' का समर्थन करें. 

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे विकास कार्यों की तारीफ करते हुए पवन कल्याण ने कहा कि बार-बार चुनाव आचार संहिता लगने के कारण कई बार योजनाओं का पूरा फायदा नहीं मिल पाता. अगर सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो निश्चित रूप से देश में विकास की रफ्तार बढ़ेगी. पवन कल्याण ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे जीत-हार से परे होकर व्यक्तिगत रूप से 'एक देश, एक चुनाव' की दिशा में आगे बढ़ें, क्योंकि यह देश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को मजबूत करेगा.

पवन कल्याण ने अपना एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि हाल ही में उन्हें एक विकास परियोजना के सिलसिले में आंध्र प्रदेश के काकीनाडा सहित कुछ इलाकों का दौरा करना था, लेकिन स्थानीय चुनावों के कारण प्रशासन ने चुनाव संबंधी नियमों का हवाला देकर उनकी यात्रा रोक दी. कल्याण ने कहा कि इस तरह बार-बार चुनाव होने से प्रदेश में विकास संबंधी गतिविधियां ठप हो जाती हैं और आखिरकार जनता के हितों को नुकसान होता है. 

पवन कल्याण ने अलग-अलग समय पर होने वाले चुनावों से होने वाली दिक्कतों के बारे में भी बताया. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर बिहार में चुनाव हो रहे हैं, तो इसका असर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों पर भी पड़ता है, जिससे वहां की विकास रफ्तार कम हो जाती है. 

उन्होंने ये भी कहा कि सनातन धर्म हमारे देश की संस्कृति का मूल प्रतिरूप है. कुछ लोग जानबूझकर इसे निशाना बना रहे हैं, जबकि वे अन्य धर्मों पर ऐसी टिप्पणी नहीं करते. ऐसे लोगों को सबसे सॉफ्ट टारगेट हिंदू धर्म ही नजर आता है. उन्होंने चेतावनी दी कि हिंदू धर्म पर इस तरह के हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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