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Operation Sindoor: डेढ़ लाख रुपये खर्च करके आया हूं... ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चल रही थी डिबेट, अचानक गूंजने लगी आवाज

Engineer Rashid Bhashan Lok Sabha: तिहाड़ जेल से सीधे एक सांसद लोकसभा में पहुंचते हैं और ऑपरेशन सिंदूर पर बोलना चाह रहे थे. उस समय संसद में विपक्ष का हंगामा चल रहा था. वह सदन के बीच में आकर बोलने लगे कि मैं एक दिन के डेढ़ लाख रुपये देकर आया हूं, मुझे बोलने दीजिए. पढ़िए आगे क्या हुआ. 

Operation Sindoor: डेढ़ लाख रुपये खर्च करके आया हूं... ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चल रही थी डिबेट, अचानक गूंजने लगी आवाज
Anurag Mishra|Updated: Jul 29, 2025, 06:29 PM IST
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Parliament Debate Operation Sindoor: संसद में दो दिन से ऑपरेशन सिंदूर पर तीखी डिबेट देखने को मिल रही है. 29 जुलाई को दोपहर में 2.50 बजे के करीब अचानक एक आवाज गूंजने लगी. उस समय महाराष्ट्र के कल्याण से शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे बोल रहे थे. कैमरा उन्हें ही कवर कर रहा था फिर कौन बोलने लगा? उन्होंने कहा कि मैं डेढ़ लाख रुपया एक दिन के लिए देकर आया हूं. मुझे बोलने दीजिए. 

दरअसल, उसी समय विपक्ष की साइड में कई सदस्य खड़े होकर शोर मचा रहे थे. यह शख्स वेल के पास स्पीकर के ठीक सामने खड़े थे. कौन थे वो? उन्होंने हाथ से भी कुछ इशारा किया जिसका स्पीकर ओम बिरला ने जवाब दिया. तिहाड़ से सीधे लोकसभा आए वह जम्मू-कश्मीर के बारामुला से सांसद इंजीनियर रशीद थे. 

वह डेढ़ लाख रुपये की बात क्यों कर रहे थे, इसकी खास वजह है. इनका पूरा नाम अब्दुल रशीद शेख हैं और वह निर्दलीय सांसद हैं. वह बोलना चाह रहे थे और इसके लिए उन्होंने बताया कि मैं 1.5 लाख रुपये खर्च करके आया हूं, मुझे बोलने दीजिए. उन्होंने कहा कि मैं कश्मीरी हूं. ऑपरेशन सिंदूर मेरे इलाके में लड़ा गया. यह बात उस समय माइक के जरिए सुनी गई. 

हालांकि बाद में शाम 4.19 बजे रशीद को बोलने का मौका मिला. उन्होंने भाषण की शुरुआत में ही कहा कि मैं तिहाड़ से आ रहा हूं. प्लीज मुझे समय दीजिए. पहलगाम में जो भी हुआ, वो पूरी इंसानियत का कत्ल था. हम कश्मीरियों से ज्यादा कौन पहलगाम के उन लोगों का दर्द समझ सकता है. हमने साल 1989 से ऐसे हजार लोग खो दिए हैं. लाशें उठाते-उठाते हम थक गए हैं. 

FAQ: कौन हैं इंजीनियर रशीद?

जवाब: टेरर फंडिंग के मामले में इंजीनियर रशीद 2017 से जेल में बंद हैं. उन्हें संसद के सत्र में भाग लेने के लिए कस्टडी परोल दी गई है. वह 24 जुलाई से 4 अगस्त तक जेल से बाहर रहेंगे. हालांकि कोर्ट ने कड़ी शर्तें लगाई हैं. उन्हें अपनी यात्रा और सुरक्षा का खर्च खुद देना होगा. इस पर उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये खर्चने पड़ रहे हैं.

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