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वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की बैठक में हंगामा, 10 विपक्षी सदस्य निलंबित

All Opposition Members In JPC On Waqf Bill Suspended: विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करने पर जोर दे रही है. बैठक के दौरान तीखी बहस के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई. फिर सदस्य निशिकांत दुबे ने निलंबित करने का प्रस्ताव दिया.

वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की बैठक में हंगामा, 10 विपक्षी सदस्य निलंबित
krishna pandey |Updated: Jan 24, 2025, 04:06 PM IST
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JPC On Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय समिति के सभी विपक्षी सदस्यों को अध्यक्ष जगदंबिका पाल के खिलाफ नारेबाजी और लगातार विरोध प्रदर्शन के आरोपों के बीच शुक्रवार को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया. विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि मसौदा विधेयक में प्रस्तावित बदलावों के अध्ययन के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है. निलंबित सदस्यों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, सैयद नासिर हुसैन, मोहिबुल्ला, मोहम्मद अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीम उल हक और इमरान मसूद शामिल हैं.

सदस्य निशिकांत दुबे ने निलंबित करने का प्रस्ताव
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे समिति ने स्वीकार कर लिया. भाजपा सदस्य अपराजिता सारंगी ने दावा किया कि विपक्षी सदस्यों का आचरण ‘शर्मनाक’ था क्योंकि वे बैठक के दौरान लगातार हंगामा कर रहे थे और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे.

बैठक में हंगामा
इससे पहले, संसदीय समिति की बैठक में हंगामा हुआ और विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मसौदा विधेयक में प्रस्तावित बदलावों के अध्ययन के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के विचार सुनने वाली है. मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों ने आपस में चर्चा की और इसी दौरान विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में हंगामा हो गया.

समिति की कार्यवाही ‘तमाशा’ बन गई
विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को शीघ्र स्वीकार करने पर जोर दे रही है. बैठक के दौरान तीखी बहस के कारण कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई. मीरवाइज के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल समिति की बैठक फिर से शुरू होने के बाद उसके समक्ष पेश हुआ. तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन बैठक से बाहर निकल आए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समिति की कार्यवाही ‘तमाशा’ बन गई है. उन्होंने मांग की कि प्रस्तावित संशोधनों पर खंडवार विचार करने के लिए 27 जनवरी को होने वाली बैठक को 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया जाए. भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उनका आचरण संसदीय परंपरा के खिलाफ है और वे बहुमत की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं.

वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध
समिति के समक्ष पेश होने से पहले मीरवाइज ने संवाददाताओं से कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हैं और धर्म के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप नहीं करने का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हमारे सुझावों को सुना जाएगा और उन पर अमल किया जाएगा तथा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जो मुसलमानों को महसूस कराए कि उन्हें शक्तिहीन किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ का मुद्दा बहुत गंभीर मामला है, खासकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए. क्योंकि यह एक मुस्लिम बहुल राज्य है. कई लोगों को इस बारे में चिंताएं हैं और हमने इन चिंताओं के बिंदुवार समाधान के लिए एक विस्तृत ज्ञापन तैयार किया है.

सरकार वक्फ मामलों में हस्तक्षेप करने से बचे
हम चाहते हैं कि सरकार वक्फ मामलों में हस्तक्षेप करने से बचे.’’ उन्होंने दावा किया कि जब मस्जिदों और मंदिरों की बात होती है तो जम्मू-कश्मीर में पहले से ही तनाव का माहौल है. मीरवाइज ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे जम्मू कश्मीर में माहौल खराब हो. इससे पहले मीरवाइज, पाल से उनके आवास पर मिलने वाले थे. यह पहली बार है जब लगभग निष्क्रिय हो चुके अलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद कश्मीर घाटी से बाहर कदम रखा है. इनपुट भाषा से

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