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सेबी चीफ माधवी बुच को आज सवालों का करना था सामना, जानें किसके एक मैसेज पर टल गई पेशी?

Madhabi Puri Buch Meeting PAC: हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद बाजार नियामक सेबी (SEBI) चीफ माधरी पुरी बुच चर्चा के केंद्र में बनी हुई हैं. इसी बीच आज PAC के सामने पेश होना था, लेकिन वह मीटिंग में शामिल नहीं हो रही हैं. जानें किसके एक संदेश भेजने पर टाली गई पेशी और उधर बीजेपी के नेता ने केसी वेणुगोपाल के रवैए पर क्यों जताया ऐतराज.

सेबी चीफ माधवी बुच को आज सवालों का करना था सामना, जानें किसके एक मैसेज पर टल गई पेशी?
krishna pandey |Updated: Oct 24, 2024, 01:54 PM IST
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Sebi chief Madhabi Puri Buch: संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख के सी वेणुगोपाल ने गुरुवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच के उपस्थित होने में असर्थता जताने के कारण समिति की आज प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी गई है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे बुच की तरफ से सूचित किया गया कि निजी वजहों के चलते वह दिल्ली नहीं पहुंच सकेंगी. वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘समिति की पहली बैठक में हमने फैसला किया था कि पहले विषय के रूप में हमारी नियामक संस्थाओं की समीक्षा की जाए. इसलिए हमने आज सेबी की प्रमुख को इस संस्था की समीक्षा के लिए बुलाया था.’’

मीटिंग में शामिल न होने की वजह आई सामने
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले समिति के समक्ष पेश होने से सेबी प्रमुख के लिए छूट की मांग की गई जिससे हमने इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने इसकी पुष्टि की थी कि वह समिति के समक्ष पेश होंगी. आज सुबह साढ़े नौ बजे सेबी प्रमुख और इसके अन्य सदस्यों की ओर सूचित किया गया कि निजी कारणों से वह दिल्ली की यात्रा नहीं कर सकतीं.’’

क्यों मान गए वेणुगोपाल?
वेणुगोपाल ने कहा कि एक महिला के आग्रह को देखते हुए आज की बैठक को स्थगित करने का फैसला किया गया. बैठक के एजेंडे में ‘‘संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा’’ के लिए समिति के निर्णय के हिस्से के रूप में वित्त मंत्रालय और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य शामिल थे.

PAC बैठक में बीजेपी सदस्यों को नहीं बोलने दिया गया?
उधर बीजेपी के नेता ने केसी वेणुगोपाल के रवैए पर ऐतराज जताया है. जिसके बाद एनडीए नेता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने जा रहे हैं. भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि कि "पीएसी की बैठक में अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में हमारे पास गंभीर संदेह थे...पीएसी के अध्यक्ष (केसी वेणुगोपाल) का आज का आचरण, जिस तरह से उन्होंने हमें बोलने की अनुमति नहीं दी और चले गए, वह असंसदीय और राजनीति से प्रेरित है." ·

बीजेपी परेशान?
एजेंडे में कानून द्वारा स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा को शामिल करने के समिति के फैसले का कोई विरोध नहीं हुआ था. हालांकि बुच को बुलाने के वेणुगोपाल के कदम ने सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों को परेशान कर दिया था, क्योंकि वह अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग’ के आरोपों से खड़े हुए राजनीतिक विवाद के केंद्रबिंदु में रही हैं. बुच के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने हितों के टकराव के आरोप लगाए थे जिसके बाद कांग्रेस ने उन पर और सरकार पर तीखे हमले किए थे.

पद का वेणुगोपाल कर रहे दुरुपयोग: निशिकांत दुबे
पीएसी के सदस्य निशिकांत दुबे ने गत पांच अक्टूबर को समिति के अध्यक्ष वेणुगोपाल पर केंद्र सरकार को बदनाम करने और देश के वित्तीय ढांचे तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए निरर्थक मुद्दे उठाने का आरोप लगाया था. भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में वेणुगोपाल पर आरोप लगाया था कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए एक 'टूल किट' के हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं.

निशिकांत दुबे का क्या है कहना?
वेणुगोपाल ने दुबे के आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी थी. समिति में भाजपा और उसके सहयोगियों के सांसदों का बहुमत है और वे इसकी बैठकों में विपक्षी सदस्यों द्वारा उन मुद्दों को उठाने के किसी भी कदम का जोरदार विरोध कर सकते हैं, जिनके बारे में उनका मानना ​​​​है कि वे समिति के दायरे से बाहर हैं. दुबे का कहना है कि लोक लेखा समिति का एकमात्र कार्य भारत सरकार के विनियोग खातों और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रपटों की जांच करने तक ही सीमित है. पीएसी की बैठक के एजेंडे में संचार मंत्रालय और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य भी शामिल थे. इनपुट एजेंसी से भी

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