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सर्जिकल, एयर-स्ट्राइक के बाद अब क्या? पाकिस्तान पर ऐक्शन के लिए शशि थरूर ने सुझाया विकल्प

Pahalgam Attack Update: भारत के लोग उस पल का इंतजार कर रहे हैं जब भारत पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान को सबक सिखाएगा. तमाम पहलुओं पर विचार हो रहा है. पीएमओ से लेकर बॉर्डर तक सरगर्मी है. पाकिस्तान भी अपना सपोर्ट जुटा रहा है. इस बीच, कांग्रेस के भीतर से पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए एक सुझाव दिया गया है.

सर्जिकल, एयर-स्ट्राइक के बाद अब क्या? पाकिस्तान पर ऐक्शन के लिए शशि थरूर ने सुझाया विकल्प
Anurag Mishra|Updated: Apr 28, 2025, 03:28 PM IST
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Shashi Tharoor: जब से पहलगाम आतंकी हमला हुआ है, देशभर के लोगों का खून खौल रहा है. 'कल्पना से परे' क्या एक्शन होगा, यह हर कोई सोच रहा है जिसकी बात पीएम नरेंद्र मोदी ने की है. भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के भीतर से एक ऑप्शन सुझाया गया है. संयुक्त राष्ट्र में लंबे समय तक काम कर चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने नए विकल्प की बात की है.

पहला विकल्प- बालाकोट से भी बड़ा

एक लेख में उन्होंने कहा कि भारत नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार POK में आतंकियों के लॉन्च पैड को निशाना बनाकर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है. हमारी एयरफोर्स पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ट्रेनिंग कैंपों को उड़ा सकती है. उन्होंने लिखा, 'एक संभावना बालाकोट से बड़े हवाई हमले की है. 

दूसरा विकल्प वही...

पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों और उनके आकाओं पर टारगेटेड मिसाइल अटैक दूसरा ऑप्शन है. इसके बाद थरूर ने खुलकर लिखा है कि पाकिस्तान को एक तरफ बड़ा संदेश देने की जरूरत है तो दूसरी तरफ गुप्त ऑपरेशन भी बढ़ाने होंगे. कांग्रेस सांसद ने साफ कहा, 'पाकिस्तान के भीतर रह रहे आतंकवादियों के टॉप लीडर्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर को सेफ महसूस करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.' ऐसा कहते हुए उन्होंने एक बड़ा इशारा भी किया है.

तीसरा विकल्प

कांग्रेस सांसद ने लेख में कहा है कि भारत को आतंकवादी कम्युनिकेशन और ऑपरेशंस को रोकने के लिए साइबर युद्ध की रणनीति भी अपनानी चाहिए. उन्होंने आगे तीसरे विकल्प की बात करते हुए कहा कि पहले के ऑपरेशंस में केवल थल सेना और भारतीय वायुसेना को तैनात किया गया था, इस बार नौसेना को मूव किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अरब सागर के उत्तरी इलाकों में (अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में) तैनाती से पाकिस्तानी मर्चेंट शिपों पर प्रेशर बनाया जा सकता है. उनका तर्क है कि पहले से मंदी में फंसी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की इससे कमर टूट जाएगी और रसूखदार भी प्रभावित होंगे.

उन्होंने आगे कहा कि कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान पर दबाव बनाने के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाएगा. चुनिंदा सैन्य अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ावा देना आसान नहीं होगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ISI की आतंकी साठगांठ को सार्वजनिक रूप से उजागर करने से पाकिस्तान को अलग-थलग करना चाहिए. पाकिस्तान की सेना के लिए यह ओसामा बिन लादेन प्रकरण जैसी बदनामी और बढ़ाएगा.

थरूर का यह भी कहना है कि बाहरी प्रतिक्रिया से इतर भारत को कश्मीर में अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने पर फोकस करना चाहिए. पर्यटक आते रहें, इसके लिए प्रोत्साहन देने के साथ ही स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना का मजबूत होना जरूरी है.

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