Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कायराना आतंकी हमले में बेंगलुरु के भारत भूषण की भी गोली मारकर हत्या कर दी. भारत भूषण भी अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गए थे. लेकिन आतंकियों ने भारत को उनकी पत्नी डॉ. सुजाता और उनके तीन साल के बेटे के सामने गोली मारकर हत्या कर दी. 35 साल के भारत भूषण ने अपने तीन साल के बच्चे के लिए जान की भीख भी मांगी. लेकिन बेरहम आतंकियों ने भारत भूषण को सिर में गोली मार दी, जो मंगलवार के हमले में मारे गए 26 लोगों में से एक थे.
उनकी पत्नी डॉ. सुजाता भूषण, जो पेशे से बच्चों की डॉक्टर हैं. उन्होंने एनडीटीवी से बात की और उन खौफनाक मंजर बयां किया. उन्होंने कहा, 'हम 18 अप्रैल को छुट्टी मनाने गए थे. पहलगाम हमारा आखिरी पड़ाव था. हम उस दिन टट्टू की सवारी करके बैसरन तक गए और जब हम वहां पहुंचे, तो हमने तस्वीरें लीं और अपने बच्चे के साथ खेला. हमने कश्मीरी वेशभूषा पहनी. फिर अचानक हमें बहुत सारी गोलियों की आवाज सुनाई दी.'
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छिपने के लिए कोई जगह नहीं थी
वहीं, चश्मदीदों ने बताया कि हमला दोपहर 2.30 बजे के बाद शुरू हुआ. इसके बाद आतंकवादियों ने घास के मैदान पर हमला किया और लोगों को बरहमी से मारना शुरू कर दिया. जैसे ही भूषण परिवार और अन्य टूरिस्ट्स और स्थानीय लोगों को अहसास हुआ, वे भाग खड़े हुए और छिपने के लिए भागने लगे. लेकिन, वहां कोई नहीं था. ज़्यादातर लोग फंस गए थे. उन्होंने कहा कि 'शुरू में हमने सोचा कि वे बस पक्षियों या जंगली जानवरों को भगा रहे हैं, लेकिन शोर जारी रहा और वे करीब आते गए. फिर हमें एहसास हुआ कि यह कोई सामान्य बात नहीं है. यह एक हमला है.' वहां छिपने के लिए कोई जगह नहीं थी, न ही वहां कोई ऐसा रास्ता था जहां से घुसकर भागा जा सके.
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सुजाता ने बयां किया खौफनाक मंजर
डॉ. सुजाता भूषण ने कहा, 'आप जानते हैं कि बैसरन कैसा है? यह एक बड़ा मैदान है और हम इसके ठीक बीच में हमलोग थे. जब गोलियों की आवाज सुने तो हम मैदान के बीच में लगाए गए टेंटों पीछे छिप गए. तीनों - पिता, माता और बच्चा एक तंबू के पीछे दुबककर बैठ हुए थे. हालांकि, वे देख रहे थे कि बाहर क्या हो रहा था. और यह काफी भयानक था. लोगों को खींचा जा रहा था, उनसे पूछताछ की जा रही थी और उन्हें गोली मारी जा रही थी.'
'क्या तुमने समाचार नहीं देखा?'
उन्होंने आगे बताया कि'एक आतंकवादी तंबू के पास आया और एक आदमी को बाहर निकाला, उससे बात करने लगा और उसके सिर में गोली मार दी. आतंकियों ने ऐसा दो बार और किया. मैं सुन नहीं सका कि वह क्या कह रहा था. लेकिन हमारे तंबू के करीब जब पहुंचा. तब मैं सबकुछ साफ-साफ सुन सकता था. उसने एक बुजुर्ग शख्स से कहा, 'क्या तुमने समाचार नहीं देखा? तुम इस तरह कैसे खुशी मना सकते हो और फिर उसके सिर में भी गोली मार दी.
इसके बाद आतंकवादी मेरे परिवार के टेंट में पहुंच गया. 'वह मेरे पति के पास आया और उसने कुछ भी नहीं कहा. उसने बस उसे गोली मार दी. मेरे पति उससे विनती कर रहे थे, 'मेरा एक बच्चा है. प्लीज मुझे छोड़ दो. लेकिन उसने बस उसे गोली मार दी और चला गया.'
भारत ने की ये कार्रवाई
पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में छह सालों में हुए सबसे भयानक हमले में से एक है. इस हमले में 26 मासूम लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हैं. फरवरी 2019 में पुलवामा जिले में हुए हमले में 40 सैनिक शहीद हो गए थे. भारत सरकार ने बदला लेने की कसम खाई है. रिटायर्ड रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल यश मोर ने एनडीटीवी को बताया कि हमले का लेवल, इस्तेमाल किए गए उपकरण और योजना सभी पाकिस्तान की इंटर सर्विस इंटेलिजेंस का हाथ होने का संकेत देते हैं. वहीं, भारत ने हमले के जवाब में कार्रवाई करते हुए कई कूटनीतिक और गैर-सैन्य प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिनमें सिंधु संधि को निलंबित करना और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा कैंसिल करना शामिल है.
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