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UNSC पर 'पाकिस्तानी कब्जे' का DNA टेस्ट, 'आतंकी देश' अब 'संयुक्त राष्ट्र' को चलाएगा?

Pakistan News: इस पूरे महीने पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी का अध्यक्ष रहेगा. इस तरह पाकिस्तान को दुनिया के सबसे मजबूत अंतरराष्ट्रीय संगठन की कमान मिल गई है. आज आपको जानना चाहिए कि पाकिस्तान को ये पद मिलने का मतलब क्या है और इसका भारत पर क्या असर पड़ सकता है.

UNSC पर 'पाकिस्तानी कब्जे' का DNA टेस्ट, 'आतंकी देश' अब 'संयुक्त राष्ट्र' को चलाएगा?
Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 03, 2025, 12:54 AM IST
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Pakistan in UNSC: आतंकी देश पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जो अध्यक्ष का पद मिल गया है. उसके बारे में जानकर आपको हैरानी हो सकती है. सबसे पहले आप ये समझिए पाकिस्तान जैसे देश को ये पद दिए जाने पर लोग हैरान क्यों हैं. इसके लिए आपको आतंकवाद के खिलाफ UNSC की भूमिका को समझना चाहिए. UNSC आतंकवाद से निपटने के लिए रेजोल्यूशन पास करता है. जिसे हर सदस्य देश को मानना होता है. यहीं से पाकिस्तान को कमान मिलने पर लोगों की हैरानी शुरू होती है.

आतंकवाद पर सुपरपावर देशों का दोगलापन!

UNSC में सिर्फ 5 स्थायी सदस्य हैं, अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस. इन 5 देशों में से कोई एक देश भी जिस प्रस्ताव पर वीटो लगा देता है वो प्रस्ताव पारित नहीं हो पाता, ये ताकत है UNSC की. तो ऐसे ताकतवर संगठन का अध्यक्ष एक आतंकी देश को कैसे बनाया जा सकता है. UNSC ने साल 1999 में अल-कायदा, तालिबान और ओसामा बिन लादेन पर प्रतिबंध लगाने का रिजोल्यूशन पास किया. लेकिन पाकिस्तान, तालिबान और अलकायदा का सुरक्षित ठिकाना बना. उनके आतंकियों को यहां ट्रेनिंग दी गई.

-2001 में 9/11 के बाद रिजॉल्यूशन पास करके UNSC ने सभी देशों को आतंकवादियों की फंडिंग रोकने और उन्हें शरण न देने का आदेश दिया। लेकिन पाकिस्तान ने आतंकी हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को छिपने की जगह दी और लादेन 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में मारा गया.

-2004 में यूएनएससी ने आतंकवादी समूहों को हथियारों तक पहुंच से रोकने के लिए एक रिजॉल्यूशन पास किया. लेकिन पाकिस्तान में भारत में खून खराबा करने वाले आतंकवादियों को हथियार मुहैया करवाता रहा.

-2014 में UNSC ने विदेशी आतंकवादी लड़ाकों की भर्ती और आवाजाही रोकने के लिए रिजॉल्यूशन पास किया. लेकिन पाकिस्तान ने जैश और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के हेडक्वार्टर खोल दिए..जहां आतंकवादियो की भर्ती और ट्रेनिंग होती है. भारत ने आपरेशन सिंदूर के दौरान जब इन हेडक्वार्टरों को नष्ट किया तो पाकिस्तान की सरकार इसे अपने खर्च पर दोबारा बनवा रही है.

और ऐसे मुल्क पाकिस्तान को अब UNSC का अस्थायी अध्यक्ष बनने का मौका मिल गया है.  आज आपको ये भी जानना चाहिए..आखिरकार पाकिस्तान को ये पद कैसे मिला. UNSC में 15 सदस्यों की जगह है. इसकी मेंबरशिप दो तरह की होती है- स्थाई और अस्थाई.

यूएनएससी को समझिए

अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन यानि पांच देश इसके स्थाई सदस्य हैं. वहीं 10 ऐसे देश भी सदस्य होते हैं, जो हर दो साल में बदलते रहते हैं.
- पाकिस्तान 2025 में UNSC का अस्थायी सदस्य चुना गया है.
- इन सारे ही सदस्य देशों को रोटेशन पर अध्यक्षता संभालने का मौका मिलता है.
- अध्यक्षता का क्रम UNSC के 15 देशों के अंग्रेजी नाम के हिसाब से alphabetically आता है. जो सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं.
- अपनी बारी आने पर पाकिस्तान भी एक महीने के लिए UNSC का अध्यक्ष बन गया.
- इससे पहले भारत 2022 में सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना था.

अब आप समझिए अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के बाद पाकिस्तान को कौन सी शक्तियां मिल जाएंगी.

पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे और प्राथमिकताओं को तय करेगा.
यूएनएससी का अध्यक्ष परिषद की ओर से प्रेस स्टेटमेंट और सार्वजनिक घोषणाएं जारी करेगा.
परिषद के सदस्यों के बीच संवाद और समन्वय तय करेगा. 
अगर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को तत्काल खतरा हो, तो अध्यक्ष देश आपातकालीन बैठक बुला सकता है.
इसके अलावा बैठकों की कार्यवाही को कंट्रोल करने और वक्ताओं को बुलाने का अधिकार भी अध्यक्ष देश को मिल जाता है.

अब आपको ये भी समझना चाहिए क्या पाकिस्तान के यूएनएससी का अध्यक्ष बनने से भारत को कोई चिंता करनी चाहिए.

- तकनीकी रूप से भारत को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
- क्योंकि अध्यक्ष देश अकेले कोई फैसला नहीं कर सकता.
- राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान गड़बड़ियां कर सकता है.

-इसका एक मिसाल तब मिली, जब पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने कश्मीर मामले पर चर्चा शुरू कर दी.
-कश्मीर भारत का हिस्सा है और ये मामला भारत और पाकिस्तान के बीच का है. जिसमें भारत किसी भी तीसरे पक्ष का दखल नहीं चाहता.
-अध्यक्ष बनने के बाद वो इस मंच का इस्तेमाल सिंधु जल समझौते पर अपना दुखड़ा रोने के लिए कर सकता है.
-ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी पाकिस्तान गलत बयानी कर सकता है.
-लेकिन पाकिस्तान की किसी भी चाल का असर भारत पर नहीं पड़ने वाला है.

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