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यूपी में समाजवाद का नया सिलेबस! सपाइयों ने खोला PDA स्कूल, 'व्याकरण' बदलकर CM योगी को हरा पाएंगे?

PDA Ki Pathshala: चूंकि ये पाठशाला राजनीतिक मकसद से शुरू है. इसलिए ABCD लेटर्स के शब्द भी बदल गए हैं. आखिर इस PDA क्लास के नए शब्दों की वजह क्या है. पढ़िए एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में.

Mehul Choksi (FILE)
Mehul Choksi (FILE)
Shwetank Ratnamber|Updated: Aug 01, 2025, 01:04 AM IST
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A फॉर एपल, B फॉर ब्वॉय, C फॉर कैट, D फॉर डॉग आपमें से ज्यादातर लोगों ने स्कूलों में अल्फाबेट की पढ़ाई ऐसे ही की होगी. छोटे-छोटे बच्चों को ऐसा इसलिए समझाया जाता है ताकि वो लेटर के साथ-साथ लेटर से शुरू होने वाले जानवरों, चीजों के नाम भी जान जाएं. पर उत्तर प्रदेश में नई पाठशाला शुरू हुई है. जिसका नाम है PDA पाठशाला अखिलेश यादव के निर्देश पर ये अभियान शुरू किया गया है. 

यूपी के सहारनपुर में PDA की पाठशाला में नर्सरी के बच्चों को A B C D के नए मतलब बताकर उन्हें राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा बनाया जा रहा है. ये पाठशाला. उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के मर्जर के ख़िलाफ़ समाजवादी पार्टी के उस आंदोलन का हिस्सा है. जिसकी पहली क्लास सहारनपुर में लगाई गई. समाजवादी पार्टी के नेता फरहाद आलम ने अपने घर में बाकायदा बैनर बनवाए और गांव के बच्चों को भी जुटा लिया और अपने अलग अंदाज में ABCD पढ़ाने लगे.

A फॉर अखिलेश, D फॉर डिंपल

A फॉर अखिलेश यादव
B फॉर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर
C फॉर चौधरी चरण सिंह
D फॉर डिंपल यादव
M फॉर मंकी
M फॉर मुलायम सिंह यादव 

ABCD का मतलब समझाते-समझाते समाजवादी पार्टी के ये नेता  D से सीधे M पर पहुंच गए. शायद बीच के लेटर्स से उनको कोई समाजवादी नेता का नाम याद नहीं आया. इसलिए अखिलेश, डिंपल के बाद सीधे मुलायम सिंह यादव का नाम ले लिया. आगे ये भी हो सकता है कि बच्चों की शिक्षा को सियासी मोहरा बनाने के लिए PDA पाठशाला में अल्फाबेट के लेटर्स भी सहूलियत के लिहाज से आगे-पीछे या कम कर दिए जाएं. जब PDA पाठशाला लगाने वाले अखिलेश यादव के इस कट्टर समर्थक से नई ABCD पर सवाल पूछा गया तो इन्हें संविधान की याद आ गई. समाजवादी पार्टी के नेता फरहाद आलम गाड़ा से सवाल पूछा गया तो वो संविधान-संविधान का जाप करने लगे.

अखिलेश यादव की पार्टी 2027 के चुनाव के लिए PDA को चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है. समाजवादी पार्टी को ये उम्मीद है कि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों के एकमुश्त वोट मिले तो वो योगी को तीसरी बार सीएम बनने से रोक सकती है. इसलिए समाजवादी पार्टी ने स्कूलों के मर्जर को बड़ा मुद्दा बनाते हुए पीडीए पाठशाला अभियान शुरू किया है.

पार्टी का दावा है कि जहां-जहां स्कूल बंद होंगे, वहां-वहां पीडीए पाठशाला खोले जाएंगे. पर सवाल समाजवादी पार्टी पर इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि बच्चों को सियासी लड़ाई का जरिया बनाया जा रहा है. योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी के दावों को दुष्प्रचार करार दिया है और ऐलान किया है कि एक किलोमीटर से ज्यादा दूर वाले और 50 से ज्यादा बच्चों वाले स्कूलों का विलय नहीं होगा.

समाजवादी पार्टी का PDA पाठशाला अभियान बच्चों के शिक्षा के संवैधानिक अधिकार की बात ज़रूर करता है. लेकिन पार्टी को ये भी बताना चाहिए कि ABCD की जगह जो बच्चे अपना नाम लिखना अभी ठीक से सीख भी नहीं पाएं हैं. उन्हें राजनीति वाली ABCD पढ़ाकर आखिर क्या हासिल होगा. क्या A फॉर अखिलेश, B फॉर बाबा साहेब आंबेडकर की पढ़ाई से बच्चों में शिक्षा का स्तर उठ जाएगा.

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