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'लोग नहीं नेता होते हैं जातिवादी, अपने स्वार्थ के लिए...', नितिन गडकरी के बयान से आया सियासी भूचाल

Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर राजनीति की काली सच्चाई से लोगों को रूबरू करवा दिया है. उन्होंने कहा कि भारत के लोग जातिवादी नहीं हैं, बल्कि राजनेता अपने स्वार्थ के लिए जाति को चुनावी हथियार बना रहे हैं.

'लोग नहीं नेता होते हैं जातिवादी, अपने स्वार्थ के लिए...', नितिन गडकरी के बयान से आया सियासी भूचाल
Tahir Kamran|Updated: Mar 23, 2025, 08:58 AM IST
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Nitin Gadkari on casteist: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल ही में उन्होंने एक बार फिर ऐसा बयान दे दिया है, जिसकी चर्चा होने लगी है. उन्होंने कहा कि भारत के लोग जातिवादी नहीं हैं, बल्कि राजनेता अपने स्वार्थ के लिए जाति को चुनावी हथियार बना रहे हैं. अपने भाषण के दौरान गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति का मकसद तरक्की होना चाहिए, न कि जाति आधारित वोट बैंक बनाना.

खुद को सबसे पिछड़ा दिखाने में लगे हुए हैं नेता

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को अमरावती में डॉ. पंजाबराव उर्फ भाऊसाहेब देशमुख स्मृति पुरस्कार समारोह में कहा कि पिछड़ेपन पर चर्चा अब सामाजिक इंसाफ के बजाय राजनीतिक सौदेबाजी का जरिया बन गई है. उन्होंने कहा कि आज के दौर में नेता खुद ज्यादा से ज्यादा पिछड़ा दिखाने की कोशिशों में लगे रहते हैं और उनकी इस हरकत की वजह से समाज में एक नकारात्मक माहौल पनप रहा है. 

फिर से तय करनी होगी राजनीति की परिभाषा

नितिन गडकरी ने चुनावों में खर्च होने वाली भारी भरकम रकम पर भी फिक्र का इजहार किया. गडकरी ने कहा,'जरूरत से ज्यादा चुनावी खर्च को रोकने के लिए राजनीति की परिभाषा को दोबारा तय करना होगा.' उन्होंने आगे कहा,'सियासत सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका मकसद लोगों की खिदमत और विकास होना चाहिए.' 

कृषि क्षेत्र को लेकर जताई चिंता

अपने भाषण के दौरान गडकरी ने एग्रिकल्चर में भी सुधार की जरूरतों पर जोर दिया. उन्होंने कहा,'भारत में किसानों की प्रोडक्टिविटी बहुत कम है. उदाहरण के लिए, स्पेन में किसान एक एकड़ में 25-30 टन संतरे पैदा करते हैं, जबकि भारत में यह सिर्फ 4-5 टन ही होता है. उन्होंने कहा कि यह किसानों की गलती नहीं, बल्कि नई एग्रिकल्चर तकनीकों की कमी और बुनियादी ढांचे के अभाव की वजह हो रहा है.'

अपनी शर्तों पर राजनीति करता हूं

गडकरी ने कहा कि सियासत को सामाजिक सेवा का माध्यम होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत प्रचार का जरिया. उन्होंने अपने चुनावी अनुभव शेयर करते हुए कहा कि उन्होंने कभी वोटों के लिए किसी से समझौता नहीं किया और हमेशा साफ कहा कि वे अपनी शर्तों पर राजनीति करेंगे.

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