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BRICS summit: '20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को नहीं चला सकते', ब्रिक्स समिट से पीएम मोदी ने किस पर कसा तंज?

17 BRICS Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे के चौथे चरण में ब्राजील पहुंचे है. 5 देशों की यात्रा पर निकले मोदी सबसे पहले घाना गए फिर कैरेबियन देश- त्रिनिदाद एंड टोबैगो पहुंचे. यात्रा के तीसरे चरण में अर्जेंटीना गए.  विदेश दौरे के चौथे पड़ाव पर चार दिनों के लिए ब्राजील में रूके हैं. मोदी सबसे आखिर में वो नामीबिया जाएंगे.  

BRICS summit: '20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को नहीं चला सकते', ब्रिक्स समिट से पीएम मोदी ने किस पर कसा तंज?
Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 06, 2025, 11:37 PM IST
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PM Modi Brazil Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील के रियो डी जेनेरो में है. जहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दुनिया को बड़ा संदेश दिया है. 17वें BRICS शिखर सम्मेलन (17 BRICS Summit) में प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत बड़ा बयान देते हुए कहा, 'आज के इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस युग में, जहां हर हफ्ते तकनीक अपडेट होती है, वहां पर ये कतई स्वीकार्य नहीं है कि कोई वैश्विक संस्थान 80 साल में एक बार भी अपडेट न हो. दुनिया को समझना होगा कि 20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को नहीं चला सकते.'

पीएम मोदी ने किस पर कसा तंज

आपको बताते चलें कि पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के कई संगठनों को अपडेट करने की सलाह दे रहे हैं. पुराने नियम आज की दुनिया में नहीं चलते हैं. पीएम मोदी का इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ और उसके अन्य अनुशांगिक संगठनों जैसे यूएनएससी और यूएनजीसी के क्रियाकलापों की ओर रहा. यूएन का बड़ा खर्च अमेरिका उठाता है. यूएनएससी यानी सुरक्षा परिषद की 6 स्थाई सीटें भी बाबा आदम के जमाने यानी उनकी स्थापना के समय से चली आ रही हैं, वहीं 5-6 देश वीटो-वीटो खेलकर अपने हित साध रहे हैं, भले ही उनकी इस आपसी टशन में यूएन ऐसे संगठनों की प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा हो रहे हैं.

मसलन अमेरिका किसी को वैश्विक आतंकवादी घोषित करना चाहता है तो चीन फौरन वीटो लगाकार उसे रोक देता है. ऐसे में एक वैश्विक व्यवस्था का बैठे बिठाए सत्यानाश हो रहा है.

पीएम मोदी पहले भी कर चुके हैं आगाह

पीएम मोदी, दुनिया के तकरीबन सभी बड़े मंचों से यूनाइटेड नेशंस को आगाह कर चुके हैं. यूएनएससी के ढांचे में बदलाव की जरूरत है. लेकिन वहीं पुरानी टीम मठाधीश बने बैठी है. आतंकवाद जैसे गंभीर विषय पर भी दुनिया एकजुट नहीं है. अमेरिका हो या पश्चिमी देश या कोई और संगठन जब उनके ऊपर हमला होता है तभी उसे वो आतंकी हमला कहते हैं, वरना वो उसे नॉन स्टेट एक्टर या कुछ और संज्ञा देकर आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाए कन्नी काट लेते हैं. अभी भारत के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमला करने वालों को पश्चिमी देशों और उनकी मीडिया ने आतंकवादी नहीं बल्कि गनमैन कहा था. पीएम मोदी कई बार दुनिया को आगाह कर चुके हैं कि आतंकवाद पर दोहरा रवैया नहीं चलेगा.

80 साल पुराना टाइपराइटर!

आपको बताते चलें कि सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन समाप्त होने के चार महीने बाद, संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक रूप से 24 अक्टूबर 1945 को अस्तित्व में आया, जब संयुक्त राज्य अमेरिका,  सोवियत संघ (रूस), ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम), फ्रांस और चीन अधिकांश अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा इसके चार्टर की पुष्टि की गई. तब से यूएन उसी 80 साल पुराने ढर्रे पर चल रहा है, जबकि बीते 80 सालों में दुनिया पूरी 360 डिग्री बदल चुकी है.

 

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