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Explainer: सिर्फ 14 लाख आबादी वाले मुल्क की यात्रा पर क्यों जा रहे PM मोदी, 140 करोड़ आबादी वाले भारत से क्या है कनेक्शन

PM Modi foreign visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पांच देशों की विदेश यात्रा पर रवाना होंगे, उनका ये दौरा 2 से 9 जुलाई तक आठ दिनों तक रहेगा. इसमें ब्राजील और अर्जेन्टीना जैसे देश शामिल है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा एक छोटे से देश की हो रही है. 

PM Modi Foreign Visit
PM Modi Foreign Visit
Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jul 01, 2025, 06:57 AM IST
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PM Modi Foreign Trips 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांच देशों की विदेश यात्रा पर रवाना होंगे. यह पिछले 11 सालों में उनका ये सबसे लंबा विदेश दौरा होगा, जहां 8 दिनों में वो पांच देशों की यात्रा करेंगे.  दो से 9 जुलाई के बीच इस विदेश यात्रा में प्रधानमंत्री घाना, अर्जेन्टीना, ब्राजील, नामीबिया और त्रिनिदाड एंड टोबैगो की यात्रा करेंगे.

पांच देशों की विदेश यात्रा
प्रधानमंत्री की यह उनके पिछले 11 साल के शासनकाल में सबसे लंबी विदेश यात्रा है, जहां वो आठ दिनों के लिए देश से बाहर रहेंगे. इससे पहले वर्ष 2016 में पीएम मोदी पांच देशों की यात्रा पर गए थे. तब उन्होंने अमेरिका, मैक्सिको, स्विट्जरलैंड, अफगानिस्तान और कतर का दौरा किया था. जबकि वर्ष 2015 में पीएम ने रूस समेत छह देशों का दौरा किया था.

ब्राजील में पीएम मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां चीन और रूस के शीर्ष नेता भी मौजूद रहेंगे.इन पांच देशों में सबसे ज्यादा चर्चा त्रिनिदाद एंड टोबैगो की हो रही है, जिसकी आबादी महज 13.5 लाख है. यानी भारत की करीब 140 करोड़ जनसंख्या के मुकाबले एक फीसदी से कम है. 

त्रिनिदाद एंड टोबैगो और भारत के ऐतिहासिक रिश्ते हैं. दोनों देशों का संबंध 180 साल पुराना है. जब ब्रिटिश शासन में हजारों गिरमिटिया मजदूरों को त्रिनिदाद एंड टोबैगो ले जाया गया था. त्रिनिदाद एंड टोबैगो की 45 फीसदी जनसंख्या भारतीय मूल की है. पीएम मोदी यहां की पीएम कमला परसाद बिसेसर और प्रेसिडेंट कार्ला कंगालु से मुलाकात करेंगे. वो भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे.

ब्रिटिश शासन के दौरान 30 मई 1845 को 227 भारतीय मजदूरों को जहाज के जरिये त्रिनिदाद एंड टोबैगो ले जायागया था. भारतीयों को गन्ने की खेती और अन्य कामों के लिए वहां ले जाया गया था. त्रिनिदाद एंड टोबैगो भी ब्रिटेन का उपनिवेश था. धीरे-धीरे यहां गिरमिटिया मजदूरों की संख्या बढ़ती गई और वहां भारतीयों का डंका बजने लगा.उस घटना के करीब 180 साल हो चुके हैं. 180 साल पहले फतेह अल रजाक जहाज से त्रिनिदाद एंड टोबैगो ले जाए गए अधिकांश मजबूत यूपी-बिहार, झारखंड और जैसे राज्यों से थे.

 कैरेबियाई देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों भारतवंशी नेता हैं. वे खुद को भारत की संतान बताते हैं. प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में भी  त्रिनिदाद एंड टोबैगो, सूरीनाम, मॉरीशस जैसे देशों की बढ़ चढ़कर भागीदारी देखी जाती है. पीएम मोदी यहां  त्रिनिदाद एंड टोबैगो  की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे और उनके सम्मान में डिनर भी आयोजित होगा.

पीएम मोदी की घाना यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे में सबसे पहले 2 जुलाई को अफ्रीकी देश घाना पहुंचेंगे. पिछले तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली घाना यात्रा होगी.दोनों देशों के बीच 3 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है. भारत-घाना के बीच आर्थिक-ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी.

त्रिनिदाद एंड टोबैगो
पीएम मोदी घाना के बाद त्रिनिदाद एंड टोबैगो
के दो दिन के दौरे पर पहुंचेंगे. यहां 3 औऱ 4 जुलाई को उनका प्रवास रहेगा.1999 केबाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां का दौरा करेगा.

अर्जेंटीना का दौरा
पीएम मोदी का दौरा 4-5 जुलाई को अर्जेन्टीना का रहेगा. वो यहां प्रेसिडेंट जेवियर मिलेई से मिलेंगे. दोनों देशों के बीच ऊर्जा-रक्षा, तेल और गैस समेत तमाम क्षेत्रों में समझौतों की उम्मीद है.

ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी
पीएम मोदी अर्जेन्टीना से पड़ोसी मुल्क ब्राजील जाएंगे और यहां पहले वो प्रेसिडेंट लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा से मुलाकात करेंगे. यहां 5 से 8 जुलाई तक वो 17वें ब्रिक्स सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे. पीएम के तौर पर मोदी की यह चौथी ब्राजील यात्रा है. 17वीं ब्रिक्स समिट ब्राजील के शहर रियो डि जेनेरिया में हो रही है.

आखिरी चरण नामीबिया दौरा
पीएम मोदी विदेश यात्रा के आखिरी चरण में 9 जुलाई को नामीबिया पहुंचेंगे. अफ्रीकी देश के प्रेसिडेंट न्यूतेंबो नंडी देतियाह से मुलाकात के अलावा वो नामीबिया की संसद को भी संबोधित करेंगे.

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