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Mann Ki Baat: हनुमानकाइंड से लेकर परीक्षा पे चर्चा तक.. PM मोदी के मन की बात की ये रहीं 10 बड़ी बातें

PM Modi: प्रधानमंत्री ने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझे तो अपने बचपन के दिन याद आ गए जब मैं और मेरे दोस्त दिनभर कुछ-ना-कुछ उत्पात मचाते रहते थे. लेकिन साथ ही हम कुछ रचनात्मक भी करते थे सीखते भी थे. गर्मियों के दिन बड़े होते हैं.

Mann Ki Baat: हनुमानकाइंड से लेकर परीक्षा पे चर्चा तक.. PM मोदी के मन की बात की ये रहीं 10 बड़ी बातें
Gaurav Pandey|Updated: Mar 30, 2025, 02:07 PM IST
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Mann ki baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 120वें एपिसोड में कई बातों का जिक्र किया है. 'त्योहारों की एकता', 'परीक्षा पे चर्चा', 'जल संरक्षण', खेलो इंडिया पैरा गेम्स, हनुमानकाइंड समेत कई बातों का जिक्र किया. उन्होंने त्योहारों की महत्ता अपने बचपन के दिन, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, फूल यात्रा, खेलो इंडिया, टेक्सटाइल वेस्ट और विदेशी दौरे का जिक्र किया. जानते हैं पीएम मोदी के 'मन की बात' की दस बड़ी बातें. पीएम मोदी ने त्योहारों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में आज और अगले कुछ दिनों में नववर्ष शुरू हो रहे हैं. आज कर्नाटक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगादि का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज ही महाराष्ट्र में गुड़ीपड़वा मनाया जा रहा है. 

पीएम ने कहा कि विविधता भरे हमारे देश में, अलग-अलग राज्यों में अगले कुछ दिनों में असम में 'रोंगाली बिहू', बंगाल में 'पोइला बोइशाख', और कश्मीर में 'नवरेह' का उत्सव मनाया जाएगा. इसी तरह, 13 से 15 अप्रैल के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों की जबरदस्त धूम दिखेगी. इसे लेकर भी उत्साह का माहौल है और ईद का त्योहार तो आ ही रहा है. यानी ये पूरा महीना त्योहारों और पर्वों का है. मैं देश के लोगों को इन त्योहारों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

जल संरक्षण के महत्व को समझाया
पीएम मोदी ने जलशक्ति मंत्रालय द्वारा देशभर में किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की और जल संरक्षण के महत्व को समझाया. उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर-शहर, गांव-गांव, पानी बचाने की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं. अनेक राज्यों में वाटर हार्वेस्टिंग से जुड़े कामों ने, जल संरक्षण से जुड़े कामों ने नई तेजी पकड़ी है. जलशक्ति मंत्रालय और अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं. प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के गडग जिले के लोगों के प्रयासों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले यहां के दो गांव की झीलें पूरी तरह सूख गईं. एक समय ऐसा भी आया जब वहां पशुओं के पीने के लिए भी पानी नहीं बचा. धीरे-धीरे झील घास-फूस और झाड़ियों से भर गई. लेकिन गांव के कुछ लोगों ने झील को पुनर्जीवित करने का फैसला किया और काम में जुट गए." पीएम मोदी ने कहा कि गांव के लोगों के प्रयासों को देखकर "आसपास की सामाजिक संस्थाएं भी उनसे जुड़ गईं. सब लोगों ने मिलकर कचरा और कीचड़ साफ किया और कुछ समय बाद झील वाली जगह बिल्कुल साफ हो गई. अब लोगों को इंतजार है बारिश के मौसम का.

बचपन के दिन याद आ गए
प्रधानमंत्री ने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझे तो अपने बचपन के दिन याद आ गए जब मैं और मेरे दोस्त दिनभर कुछ-ना-कुछ उत्पात मचाते रहते थे. लेकिन साथ ही हम कुछ रचनात्मक भी करते थे सीखते भी थे. गर्मियों के दिन बड़े होते हैं, इसमें बच्चों के पास करने को बहुत कुछ होता है. यह समय किसी नई हॉबी को अपनाने के साथ ही अपने हुनर को और तराशने का भी है. आज बच्चों के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म की कमी नहीं है, जहां वे काफी कुछ सीख सकते हैं. जैसे कोई संस्था टेक्नोलॉजी कैंप चला रही हो, तो बच्चे वहां ऐप बनाने के साथ ही ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के बारे में जान सकते हैं."

माई-भारत का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरे युवा साथियों, मैं आज आपसे माई-भारत के उस खास कैलेंडर की भी चर्चा करना चाहूंगा, जिसे इस समर वैकेशन के लिए तैयार किया गया है. इस कैलेंडर की एक कॉपी अभी मेरे सामने रखी हुई है. मैं इस कैलेंडर से कुछ अनूठे प्रयासों को साझा करना चाहता हूं. जैसे माई-भारत के स्टडी टूर में आप ये जान सकते हैं कि हमारे 'जन औषधि केंद्र' कैसे काम करते हैं. आप वाइब्रेंट विलेज अभियान का हिस्सा बनकर सीमावर्ती गांवों में एक अनोखा अनुभव ले सकते हैं. इसके साथ ही वहां कल्चर और स्पोर्ट्स एक्टिविटी का हिस्सा जरूर बन सकते हैं. वहीं अंबेडकर जयंती पर पदयात्रा में भागीदारी कर आप संविधान के मूल्यों को लेकर जागरूकता भी फैला सकते हैं."

'टेक्सटाइल वेस्ट' पर चर्चा
पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में 'टेक्सटाइल वेस्ट' पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि आप सोच रहे होंगे, ये टेक्सटाइल वेस्ट क्या नई बला आ खड़ी हुई है. टेक्सटाइल वेस्ट पूरी दुनिया के लिए नई चिंता की एक बड़ी वजह बन गया है. आजकल दुनियाभर में पुराने कपड़ों को जल्द-से-जल्द हटाकर नए कपड़े लेने का चलन बढ़ रहा है. क्या आपने सोचा है कि जो पुराने कपड़े आप पहनना छोड़ देते हैं, उनका क्या होता है? यही टेक्सटाइल वेस्ट बन जाता है. इस विषय में बहुत सारी ग्लोबल रिसर्च हो रही है. एक रिसर्च में यह सामने आया है, सिर्फ एक प्रतिशत से भी कम टेक्सटाइल वेस्ट को नए कपड़ों में रिसाइकिल किया जाता है. एक प्रतिशत से भी कम! भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा टेक्सटाइल वेस्ट निकलता है. यानी हमारे सामने भी बहुत बड़ी चुनौती है.

पीएम मोदी ने फिटनेस पर भी बात की. पीएम मोदी ने कहा कि योग दिवस आने में अब 100 दिन से भी कम समय बचा है. अगर आपने अभी तक योग को अपने जीवन में शामिल नहीं किया है तो अभी करें, अभी भी देर नहीं हुई है. पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 10 साल पहले 21 जून 2015 को मनाया गया था. अब यह दिन योग के एक भव्य उत्सव का रूप ले चुका है. योग दिवस 2025 की थीम 'एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग' रखी गई है. हम योग के माध्यम से पूरी दुनिया को स्वस्थ बनाना चाहते हैं." खेलो इंडिया पैरा गेम्स' में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों की सराहना करते हुए पीएम ने कहा कि मैं खेलो इंडिया पैरा गेम्स में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों को उनके शानदार प्रयासों के लिए बधाई देता हूं. हरियाणा, तमिलनाडु और यूपी के खिलाड़ियों को पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने के लिए शुभकामनाएं देता हूं. इन खेलों के दौरान हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने 18 राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाए, जिनमें से 12 तो हमारी महिला खिलाड़ियों के नाम रहे.

मशहूर रैपर हनुमानकाइंड
पीएम मोदी ने एक रैपर पर भी बात की. उन्होंने कहा कि मशहूर रैपर हनुमानकाइंड को तो आप सभी जानते ही होंगे. आजकल उनका नया गाना “रन इट अप” काफी फेमस हो रहा है. इसमें कलारिपयट्टू, गतका और थांग-ता जैसी हमारी पारंपरिक मार्शल आर्ट को शामिल किया गया है. मैं हनुमानकाइंड को बधाई देता हूं कि उनके प्रयास से हमारी पारंपरिक मार्शल आर्ट के बारे में दुनिया के लोग जान पा रहे हैं. उन्होंने 'कृष्ण कमल' फूल के बारे में भी बताया. कहा कि मैं आपको एक और शानदार फूल के बारे में बताना चाहता हूं और इसका नाम है 'कृष्ण कमल'. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास आपको ये कृष्ण कमल बड़ी संख्या में दिखेंगे. ये फूल पर्यटकों का मन मोह लेते हैं. ये 'कृष्ण कमल' एकता नगर के आरोग्य वन, एकता नर्सरी, विश्व वन में आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं. यहां योजनाबद्ध तरीके से लाखों की संख्या में कृष्ण कमल के पौधे लगाए गए हैं. आप भी अपने आसपास देखेंगे तो आपको फूलों की दिलचस्प यात्राएं दिखेंगी. आप अपने क्षेत्र में फूलों की ऐसी अनोखी यात्रा के बारे में मुझे भी लिखिएगा. Input- IANS

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