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स्पेस में सेंचुरी.. तकनीक में क्रांति, मन की बात के 119वें एपिसोड में PM मोदी ने चैंपियंस ट्रॉफी का भी किया जिक्र

PM Modi: एआई पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वैश्विक मंच पर इसकी सराहना हो रही है. उन्होंने तेलंगाना के शिक्षक थोडासम कैलाश का उदाहरण दिया. जिन्होंने एआई की मदद से कोलामी भाषा में गीत तैयार कर आदिवासी भाषाओं को संरक्षित करने की अनूठी पहल की है.

स्पेस में सेंचुरी.. तकनीक में क्रांति, मन की बात के 119वें एपिसोड में PM मोदी ने चैंपियंस ट्रॉफी का भी किया जिक्र
Gaurav Pandey|Updated: Feb 23, 2025, 12:50 PM IST
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Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में देश की तकनीकी और वैज्ञानिक उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए स्पेस सेक्टर में भारत की नई ऊंचाइयों की सराहना की. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी का जिक्र करते हुए क्रिकेट और अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की सफलता की तुलना की. पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह टीम इंडिया क्रिकेट में शतक लगाती है, उसी तरह भारत ने अंतरिक्ष में भी ‘शतक’ जड़ा है. उन्होंने इसरो के 100वें रॉकेट प्रक्षेपण को देश की वैज्ञानिक प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया.

देश ने सफलता की नई इबारत लिखी

पीएम मोदी ने अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की लंबी यात्रा को याद करते हुए कहा कि शुरुआत साधारण थी, लेकिन वैज्ञानिकों की मेहनत और संकल्प के चलते देश ने सफलता की नई इबारत लिखी. उन्होंने चंद्रयान, मंगलयान, आदित्य एल-1 और एक ही रॉकेट से 104 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण जैसे मिशनों का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में भारत ने लगभग 460 उपग्रह लॉन्च किए हैं, जिनमें कई विदेशी उपग्रह भी शामिल हैं.

अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसरों का लाभ

इसरो में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर पीएम मोदी ने गर्व जताया और कहा कि यह नारी शक्ति के उदय का प्रमाण है. उन्होंने युवाओं को अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया और बताया कि अब निजी स्टार्टअप्स और कंपनियों की संख्या भी इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने युवाओं को विज्ञान में रुचि बढ़ाने के लिए ‘एक दिन वैज्ञानिक के रूप में’ बिताने का सुझाव दिया, जिससे उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा मिल सके.

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वैश्विक मंच पर इसकी सराहना हो रही है. उन्होंने तेलंगाना के शिक्षक थोडासम कैलाश का उदाहरण दिया, जिन्होंने एआई की मदद से कोलामी भाषा में गीत तैयार कर आदिवासी भाषाओं को संरक्षित करने की अनूठी पहल की है. पीएम मोदी ने इस तरह के नवाचारों को देश की सांस्कृतिक विरासत को बचाने में अहम बताया.

युवाओं की भागीदारी देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही

पीएम मोदी ने कहा कि चाहे स्पेस टेक्नोलॉजी हो या एआई, भारतीय युवाओं की भागीदारी देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है. उन्होंने नई तकनीकों को अपनाने और आगे बढ़ने के लिए युवाओं को प्रेरित किया, जिससे भारत तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्र में नई क्रांति की राह पर आगे बढ़ सके. एजेंसी इनपुट 

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