NDA के सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट के अपने सहयोगी गृह मंत्री अमित शाह की जिस अंदाज में प्रशंसा की है, उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. हां, प्रधानमंत्री की एक लाइन अपने अंदर बड़ा मैसेज लिए हुए है. प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह को देश के सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहने की बधाई देते हुए कहा कि यह तो उनके लिए बस 'शुरुआत' है. इसी से भारतीय जनता पार्टी में अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि यह केवल प्रशंसा मात्र नहीं है, बल्कि गुजरात के 60 साल के वरिष्ठ सांसद के लिए एक बड़ी भूमिका का भी संकेत है.
HT की रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने शाह का जिक्र किया. पीएम बोले कि उन्होंने (शाह) लालकृष्ण आडवाणी के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया है जो पहले सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहे थे. बैठक से जुड़े एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, 'यह तो अभी शुरुआत है...अभी और आगे जाना है.' भाजपा के दिग्गज नेता आडवाणी मार्च 1998 से मई 2004 तक गृह मंत्री के पद पर रहे और सबसे लंबे समय तक इस पद पर बने रहने वाले मंत्री बने. इधर, मई 2019 में गृह मंत्री बने अमित शाह ने इससे ज्यादा समय पूरा कर लिया है.
शाह, आडवाणी और पटेल
भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, '2258 दिनों के कार्यकाल के साथ अमित शाह ने अब लाल कृष्ण आडवाणी के गृह मंत्री के रूप में 2,256 दिनों के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया है. उनसे पहले, भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1218 दिनों तक देश की सेवा की थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यकाल साहसिक और ऐतिहासिक फैसलों से भरा रहा है, जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाने से लेकर आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना शामिल है.'
पीएम के सबसे बड़े विश्वासपात्र
पीएम के लंबे समय से विश्वासपात्र रहे शाह ने गुजरात में मोदी के साथ मिलकर काम किया था. 2014 के आम चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा कैंपेन को लीड किया. इसका नतीजा यह हुआ कि पार्टी ने राज्य की 80 में से 71 सीटें जीतीं और शाह को उनकी सोशल इंजीनियरिंग कौशल के लिए व्यापक रूप से सराहा गया. उसी साल उन्हें पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया गया. राजनाथ सिंह की जगह उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में प्रमोशन मिला.
अब कौन सी भूमिका?
रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान को दोनों नेताओं के बीच घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करने के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हाईरार्की (पदानुक्रम) सहित कुछ मुद्दों पर अटकलें लगा रहे थे लेकिन प्रधानमंत्री के बयान ने इस धारणा को खत्म कर दिया है. खैर, पीएम के सिग्नल से लोगों के मन में सवाल यह पैदा हो रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह आगे कौन सी भूमिका में पहुंच सकते हैं.
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HT की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री का समर्थन शाह की क्षमता और योग्यता को मान्यता देता है. गृह मंत्री के रूप में उन्हें आंतरिक उग्रवाद को कम करने, आतंकवाद की फंडिंग पर लगाम लगाने का श्रेय दिया जाता है और वे (जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने) एकीकृत नागरिक संहिता जैसे वैचारिक मुद्दों को आगे बढ़ाने में सबसे आगे रहे. वे संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं और अपने राजनीतिक निर्णय लेने में व्यावहारिक हैं. बैठक में प्रधानमंत्री ने शाह की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि उग्रवाद 2026 तक समाप्त हो जाएगा.
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