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North Sentinel Island: आदिवासियों से संपर्क करने को दिया कोक-कोकोनट, अमेरिकी यूट्यूबर हुआ अरेस्‍ट

Sentinel Tribe: अंडमान-निकोबार द्वीप में पूरी दुनिया से अलग-थलग नॉर्थ सेंटिनेल आइलैंड में अवैध रूप से घुसने और वहां के आदिवासियों से संपर्क की कोशिश के आरोप में एक अमेरिकी यूट्यूबर को पुलिस ने अरेस्‍ट किया है. 

North Sentinel Island: आदिवासियों से संपर्क करने को दिया कोक-कोकोनट, अमेरिकी यूट्यूबर हुआ अरेस्‍ट
Atul Chaturvedi|Updated: Apr 10, 2025, 02:17 PM IST
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Andaman and Nicobar Islands में पूरी दुनिया से अलग-थलग नॉर्थ सेंटिनेल आइलैंड में अवैध रूप से घुसने और वहां के आदिवासियों से संपर्क की कोशिश के आरोप में एक अमेरिकी यूट्यूबर को पुलिस ने अरेस्‍ट किया है. नॉर्थ सेंटिनेल आइलैंड एक प्रतिबंधित क्षेत्र है. इस आइलैंड के 5 किमी रेंज के भीतर किसी भी तरह से प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. आइलैंड पर सेंटिनेल जनजाति रहती है. दुनिया के संपर्क से इस जनजाति को बचाने के लिए इस पूरे एरिया को संरक्षित किया गया है. इस जनजाति का दुनिया से कोई संपर्क नहीं है. वो अपनी आबोहवा में सुरक्षित और संरक्षित रह सकें इसलिए ऐसी व्‍यवस्‍था की गई है. 

अमेरिकी नागरिक मिखाइलो विक्‍टोरोविच पोलिएकोव (24) ने इन सब नियमों को जानते हुए भी जानबूझकर इस आइलैंड के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश किया और सेंटिनेल आदिवासियों के संपर्क के प्रयास में लगा रहा. उनसे संपर्क के प्रयास में इसने एक डायट कोक और नारियल को भी रखा लेकिन इसको सफलता नहीं मिली तो वहीं छोड़कर और पूरे एरिया का वीडियो शूट करके लौटने लगा. 

जब ये वहां से लौट रहा था तो समुद्र में कुछ मछुआरों ने इसको देख लिया और पोर्ट ब्‍लेयर पुलिस को बता दिया. लिहाजा 31 मार्च को इसको गिरफ्तार कर लिया गया. पिछले वीक लोकल कोर्ट ने इसको 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया. अब 17 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी. अमेरिकी दूतावास को उसकी गिरफ्तारी के बारे में बता दिया गया है. दोषी पाए जाने की स्थिति में उसको पांच साल की सजा हो सकती है और जुर्माना लग सकता है.   

सेंटिनेल जनजाति
हजारों साल से सेंटिनेल आदिवासी अपनी दुनिया में रहते आए हैं. उनका बाहरियों से कोई संपर्क नहीं है. वो समुद्र के किनारे अपने घने जंगल वाले इलाके में रहते हैं और धनुष-बाण से जीव-जंतुओं का शिकार करते हैं. उनके समुद्रीय बीच और इलाके में जो भी प्रवेश करता है उस पर वो हमला कर देता है. 2018 में एक अमेरिकी मिशनरी ने उनके बीच पर अवैध रूप से प्रवेश किया था. लेकिन अपने बाणों से नॉर्थ सेंटिनल आदिवासियों ने उसको मार दिया और बीच पर ही उसको दफना दिया. 2006 में ऐसे ही दो मछुआरों को मार दिया गया था जो गलती से वर्जित क्षेत्र में पहुंच गए थे और आदिवासियों की नजर में आ गए थे. इन वजहों से सरकार इनको पूरी तरह से पृथक रखती है ताकि बाहरियों से इनका कोई संपर्क नहीं हो. एक भारतीय जहाज इनके इलाके के समुद्री क्षेत्र में गश्‍त करता रहता है ताकि कोई बाहरी इनके जीवन में खलल नहीं डाले. भारतीय प्रशासनिक तंत्र भी इनसे मिलने का बेहद सीमित प्रयास करता है. लेकिन पुलिस का कहना है कि इस अमेरिकी नागरिक ने सब कुछ जानबूझकर और एक योजना के तहत सेंटिनेल आदिवासियों से मिलने का प्रयास किया. इस जोखिमभरे काम में इसकी जान भी जा सकती थी और सेंटिनेलवासी की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा सकता था.

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