Pooja Khedkar: पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने एक बार फिर अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि सिविल सेवा परीक्षा-2022 को सफलतापूर्वक पास करने की प्रक्रिया में उन्होंने ना तो गलत बयान दिया है और ना ही धोखाधड़ी की है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यूपीएससी को उनकी उम्मीदवारी को खारिज करने का कोई अधिकार ही नहीं है. इसी बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण 5 सितंबर तक बढ़ा दिया है. यानि अभी उन्हें गिरफ्तारी से राहत जारी रहेगी.
असल में पूजा खेडकर ने कोर्ट में कहा है कि यूपीएससी उनके खिलाफ कुछ नहीं कर सकता है. उनके खिलाफ केंद्र सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ही कार्रवाई कर सकता है. पूजा खेडकर ने यह भी कहा कि यूपीएससी का यह दावा गलत है कि उन्होंने अपना नाम गलत बताया है.
पीडब्ल्यूबीडी की श्रेणी में योग्यता के आधार पर
पूजा ने कहा कि आयोग ने स्वयं व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान एकत्र किए गए बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से उनकी पहचान सत्यापित की थी और सभी दस्तावेजों का भी सत्यापन किया गया था. पूजा खेडकर की तरफ से यह भी कहा गया कि उनका चयन बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्तियों पीडब्ल्यूबीडी की श्रेणी में योग्यता के आधार पर हुआ था और उन्होंने इस श्रेणी के तहत पांचवीं बार प्रयास किया है, जबकि उक्त श्रेणी में उपलब्ध प्रयास नौ हैं.
गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने का आरोप
मालूम हो कि पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी तथा दिव्यांगता कोटे का लाभ प्राप्त करने का आरोप है. न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पांच सितंबर तक के लिए टाल दी और पुलिस को इस बीच ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की स्वतंत्रता दी. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और दिल्ली पुलिस दोनों ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत की खेडकर की याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया है. agency input
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