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सांसद रहते फॉर्म हाउस में नौकरानी से किया रेप, कैसे लीक हुआ पेन ड्राइव से वीडियो?

Prajwal Revanna के दादा एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री रहे हैं. विरासत में इतना ऊंचा खानदान मिला, सांसद भी बन गए लेकिन काम जो किया वह घिनौना था. परिवार के ही फॉर्म हाउस में गरीब महिला की इज्जत लूट ली. कथित तौर पर सैकड़ों की संख्या में वीडियो सामने आए. इसके बाद चुनाव तो हारे ही अब दोषी भी ठहराए गए हैं. वकील का दावा है कि 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. पढ़िए पूरी कलंक कथा. 

सांसद रहते फॉर्म हाउस में नौकरानी से किया रेप, कैसे लीक हुआ पेन ड्राइव से वीडियो?
Anurag Mishra|Updated: Aug 01, 2025, 08:43 PM IST
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Former MP Rape Case: देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना ने पूरे खानदान को शर्मसार कर दिया है. परिवार की पार्टी जेडीएस ने 2019 में उन्हें कर्नाटक के हासन से चुनाव जिताकर संसद भेजा था. उस समय उनकी उम्र 29-30 साल थी. परिवार को उम्मीद थी कि नई पीढ़ी को जनसेवा के लिए मौका देना चहिए लेकिन सांसद रहते रेवन्ना ने जो किया, पूरे परिवार की थू-थू हुई. सांसद रहते परिवार के ही एक फॉर्म हाउस में गरीब नौकरानी से बलात्कार किया. दावा किया जाता है कि करीब 2000 वीडियो लीक हुए. कुछ घंटे पहले जब कोर्ट ने प्रज्वल को दोषी ठहराया तो फफक पड़े. सजा का ऐलान 2 अगस्त को होगा और उम्रकैद तक हो सकती है.  

लोकसभा चुनाव से पहले आए वीडियो

हां, यह मामला एक साल से काफी चर्चा में रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव के समय कुछ वीडियो वायरल हुए थे, जिसने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया. बाद में उनकी अपनी पार्टी ने रेवन्ना को JDS से बाहर कर दिया. उनके खिलाफ रेप से जुड़े चार मामले दर्ज किए गए. उसी समय उनके राजनीतिक करियर पर पूर्ण विराम लग गया. बाद में वह 40 हजार से ज्यादा वोटों से हासन लोकसभा सीट हार भी गए. अभी एक केस में (फार्म हाउस में घरेलू सहायिका से रेप) उन्हें दोषी ठहराया गया है. आखिर पूर्व सांसद के इस काले कारनामे की सच्चाई दुनिया को कैसे पता चली, जानते हैं.  

यह सब पेन ड्राइव में बंद था. हां, पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के कथित तौर पर स्पष्ट वीडियो पिछले लोकसभा चुनाव के समय अचानक सामने आने लगे थे. अप्रैल 2024 में हासन में कथित तौर पर रेवन्ना से जुड़े अश्लील वीडियोज वाली कई पेन ड्राइव मिलने लगी थी. प्रज्वल रेवन्ना चार अलग-अलग मामलों में मुख्य आरोपी हैं, जिनमें बलात्कार, यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोप शामिल हैं.

वीडियो वाली पेन ड्राइव फेंकी गई

मीडिया में खबरें आईं कि रेप का वीडियो प्रज्वल ने खुद बिना सहमति के फिल्माया था. चुनाव करीब आने पर बड़ी संख्या में वीडियो वाले पेन ड्राइव मिलने लगे. पार्कों, बस अड्डों और एक स्टेडियम में भी पेन ड्राइव फेंकी गई थी. पता चला कि कुछ घंटे बाद प्रज्वल राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल कर जर्मनी चले गए. हालांकि परिवार कहता रहा कि प्लान पहले से तय था. एसआईटी को शायद इंटरपोल से भी संपर्क करना पड़ा था. 

मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण कर्नाटक सरकार ने जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया. रेवन्ना के जर्मनी से लौटने के बाद 31 मई 2024 को बेंगलुरु एयरपोर्ट से अरेस्ट कर लिया गया. वह विदेश में 35 दिनों तक रहे.

नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया. तब जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने अपील खारिज कर दी थी. जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने कहा था कि उनके खिलाफ कई शिकायतें हैं. जब रेवन्ना की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि मूल शिकायत में धारा 376 (बलात्कार) का हवाला नहीं दिया गया था तब पीठ ने टिप्पणी की, 'आप बहुत पावरफुल हैं.' कोर्ट का इशारा आसानी से समझा जा सकता है. विशेष अदालत में 1,652 पन्ने का आरोपपत्र दाखिल किया गया. 113 गवाहों के बयान और फॉरेंसिक साक्ष्य सामने रखे गए. अब दोषी ठहराया गया रेवन्ना तब से जेल में है. 

वो गरीब महिला थी...

स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अशोक नायक ने कोर्ट का फैसला आने पर मीडिया को बताया कि पूर्व जेडीएस एमपी प्रज्वल रेवन्ना ने 3-4 साल पहले रेप किया था, वो गरीब महिला थी. गरीबी के चलते वह अपनी आवाज नहीं उठा सकी. हमने 26 गवाहों के बयानों की गहराई से पड़ताल की. कोर्ट के सामने हर कोई एक समान बयान देता गया. आज कोर्ट का फैसला आ गया है. इस केस में कम से कम 10 साल से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकती है. 

पढ़ें: पूर्व प्रधानमंत्री का पोता रेप केस में दोषी करार

FAQ: प्रज्वल रेवन्ना ने कितनी पढ़ाई की है?

जवाब: बेंगलुरु से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं. ऑस्ट्रेलिया से मास्टर्स की पढ़ाई शुरू की थी लेकिन राजनीति में आने के लिए बीच में ही स्टडी छोड़ दी.

FAQ: देवगौड़ा के परिवार पर कौन सा दाग लगा?

जवाब: सिर्फ राजनीति के हिसाब से नहीं, पारिवारिक दृष्टि से भी रेवन्ना के मामले से पूर्व पीएम की साख को धक्का लगा है. 2019 में देवगौड़ा ने खुद हासन सीट पोते प्रज्वल को देकर खुद तुमकुर से लड़ने का फैसला किया था. प्रज्वल जीते लेकिन दादा हार गए थे. पोते ने दादा का मान नहीं रखा. 

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