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महीने में दो बार चिकन-मटन... कभी सवा लाख सैलरी लेते थे पूर्व सांसद, अब जेल में खटेंगे 8 घंटे !

प्रज्वल रेवन्ना के अब अच्छे दिन खत्म हो गए हैं. जेल में अब उन्हें 8 घंटे काम करना होगा. सिलाई करेंगे, फावड़ा चलाएंगे या मिट्टी ढोएंगे ये अभी तय नहीं हुआ है. नए-नए जेल गए हैं तो एक साल तक अकुशल श्रमिक वाला काम मिलेगा. रेप केस में रेवन्ना को उम्रकैद की सजा मिली है. पहले सवा लाख से ज्यादा सैलरी, जब मन करता तब चिकन-मटन और पकवान खाते होंगे लेकिन अब सब गिनकर मिलेगा. रोज वो भी नहीं. 

महीने में दो बार चिकन-मटन... कभी सवा लाख सैलरी लेते थे पूर्व सांसद, अब जेल में खटेंगे 8 घंटे !
Anurag Mishra|Updated: Aug 04, 2025, 04:18 PM IST
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Prajwal Revanna Jail: वक्त-वक्त की बात है. एक साल पहले प्रज्वल रेवन्ना अप्रैल 2024 में अयोग्य ठहराए जाने से पहले बतौर सांसद सवा लाख रुपये वेतन और तमाम भत्ते ले रहे थे. अब बेंगलुरु के केंद्रीय जेल में कैदी नंबर 15528 ही उनकी पहचान है. अब उनकी कमाई रोज 540 रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती. यही स्टैंडर्ड पे है जो आठ घंटे की शिफ्ट और हफ्ते में छह दिन काम करने के हिसाब से तय किया गया है. कुछ दिन पहले ही नौकरानी से रेप के आरोप में पूर्व सांसद को उम्रकैद की सजा मिली है. 

जेल के नियमों के अनुसार रविवार को छोड़कर सभी दोषी काम कर उसका पेमेंट पा सकते हैं. वैसे, प्रज्वल को अभी तक कोई काम नहीं सौंपा गया है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक एक सूत्र ने बताया कि नए दोषी आमतौर पर अकुशल काम से शुरुआत करते हैं, जैसे बेकरी में मदद करना या सिलाई वगैरह करना. एक साल के बाद अगर उपयुक्त पाया जाता है तो उन्हें बुनाई या लोहार जैसे कुशल श्रमिक का काम करने के लिए दिया जा सकता है. 

सारी लिमिट तय

हासन से पूर्व लोकसभा सांसद को शुक्रवार को दोषी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया था. उन्हें अपना काम चुनने के लिए आज तक का समय दिया गया है. बताया गया है कि हर सोमवार को नए दोषियों को उनके काम आवंटित किए जाते हैं. काम की प्रकृति चाहे जो भी हो, निर्धारित वेतन 540 रुपये प्रति दिन ही है. जाहिर है जेल के अंदर का जीवन पूर्व सांसद को काफी खलेगा. स्वास्थ्य कारणों से किसी को छूट मिले हो अलग, बाकियों का रूटीन सुबह 6.30 बजे शुरू होता है. सामान्य दिनचर्या के बाद नाश्ता परोसा जाता है. नाश्ता पूरे सप्ताह बदलता रहता है. रविवार को वेज पुलाव, सोमवार को टोमैटो बाथ, मंगलवार को चित्रन्ना, बुधवार को पोहा, गुरुवार को पुलियोगरे, शुक्रवार को उपमा और शनिवार को वंगीभात. 

मंगलवार को अंडा और शुक्रवार को मटन

दोपहर का भोजन सुबह 11.30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच परोसा जाता है और सभी कैदियों को शाम 6.30 बजे तक अपनी बैरक में लौटना होता है. दोपहर और रात के खाने में चपाती, रागी बॉल्स, सांभर, सफेद चावल और छाछ शामिल हैं. मंगलवार को दोषियों को एक अंडा दिया जाता है. हर महीने के पहले और तीसरे शुक्रवार को मटन और दूसरे व चौथे शनिवार को चिकन परोसा जाता है. 

हफ्ते में दो फोन कॉल

प्रज्वल बाकी लोगों की तरह हफ्ते दो बार ही फोन कॉल कर सकेंगे. हर कॉल अधिकतम 10 मिनट का होगा. जेल मुलाकात नियमों के अनुसार वह हफ्ते में एक बार परिवार या दोस्तों से भी मिल सकते हैं. 

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वैसे, विडंबना यह भी है कि प्रज्वल को अपनी नौकरी का इंतजार है वहीं, पहले से काम कर रहे हजोरों दोषियों को एक साल से ज्यादा समय से वेतन नहीं मिला है. जेल विभाग के एक सूत्र ने बताया, 'राज्य भर में 1,500 से ज्यादा कैदी विभिन्न कामों में लगे हैं, लेकिन उनका वेतन (लगभग 3 करोड़ रुपये) बकाया है. कर्नाटक के 8 केंद्रीय कारागारों और कई जिला कारागारों में लगभग 14,500 कैदी बंद हैं.

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