Jagdeep Dhankhar resign: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया. इसकी जानकारी गृह मंत्रालय को भेज दी गई है और जल्द ही इस बारे में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होगा. यह घोषणा उस वक्त हुई जब राज्यसभा की कार्यवाही चल रही थी. उस समय सभापति की कुर्सी पर मौजूद भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी ने बताया कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार हो गया है.
पीएम मोदी ने धनखड़ को दी शुभकामनाएं
गृह मंत्रालय के मुताबिक, धनखड़ ने संविधान के अनुच्छेद 67ए के तहत तुरंत प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनखड़ को शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जगदीप धनखड़ जी ने उपराष्ट्रपति सहित कई अहम भूमिकाओं में देश की सेवा की है. मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.” यह पोस्ट ऐसे समय में आई जब विपक्ष धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर सवाल उठा रहा है.
Shri Jagdeep Dhankhar Ji has got many opportunities to serve our country in various capacities, including as the Vice President of India. Wishing him good health.
श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2025
सोमवार शाम को दिया धनखड़ ने इस्तीफा
जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा कि वह अपनी सेहत को प्राथमिकता दे रहे हैं और तुरंत प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. धनखड़ 16 जुलाई 2022 को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने थे. 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 710 में से 528 वोटों से हराया था. यह 1992 के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव में सबसे बड़ी जीत थी.
उपराष्ट्रपति के तौर पर धनखड़ राज्यसभा के सभापति भी थे. उन्होंने कई महत्वपूर्ण सत्रों का संचालन किया और नियमों का सख्ती से पालन करवाने के लिए जाने गए. उनके इस निष्पक्ष लेकिन सख्त रवैये की वजह से उन्हें सभी दलों से सम्मान और आलोचना दोनों मिली.
जगदीप धनखड़ का क्या है सफर?
धनखड़ एक अनुभवी राजनेता और संविधान के जानकार माने जाते हैं. पिछले एक साल में उनकी तबीयत कई बार खराब हुई थी. हाल ही में उन्हें नैनीताल में भी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. हालांकि, उनकी बीमारी का सटीक कारण सार्वजनिक नहीं किया गया. उनके इस्तीफे के बाद अब देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. उपराष्ट्रपति का पद खाली नहीं रह सकता क्योंकि यह राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी भी संभालता है.
धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज कर दी है. विपक्ष इसे लेकर कई सवाल उठा रहा है, वहीं सत्तापक्ष ने उनके योगदान की सराहना की है. अब सभी की नजर इस बात पर है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा और यह जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी. (इनपुट आईएएनएस से)
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