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Hindi Vs English: अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है, BJP सीखने नहीं देगी... Rahul Gandhi ने Amit Shah पर क्यों लगाया ये इल्जाम?

Rahul Gandhi on Amit Shah​: हिंदी बनाम अंग्रेजी पर बहस यूं तो जब-तब होती रहती है, लेकिन इन दिनों अमित शाह और राहुल गांधी इसमें कूद पड़े हैं. अमित शाह जहां अंग्रेजी को कोसते हुए हिंदी की पैरोकारी कर रहे हैं, वहीं राहुल गांधी आगे बढ़ने के लिए अंग्रेजी की अहमियत बता रहे.

Rahul Gandhi Reacts on Amit Shah
Rahul Gandhi Reacts on Amit Shah
Rahul Vishwakarma|Updated: Jun 20, 2025, 07:41 PM IST
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Language Politics: दक्षिण भारत में हिंदी भाषा को लेकर विवाद तो दशकों से चलता ही रहा है, अब उत्तर भारत में इन दिनों हिंदी भाषा पर सियासी युद्ध चल रहा है. गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ही दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान हिंदी भाषा की पैरोकारी करते हुए कहा था कि 'भविष्य में अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी.' 24 घंटे के भीतर ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शाह पर पलटवार कर अंग्रेजी की अहमियत बताई है. 

अंग्रेजी जंजीरें तोड़ने का औजार है

आज राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि अंग्रेज़ी बांध नहीं, पुल है. अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है. अंग्रेजी जंजीर नहीं, जंजीरें तोड़ने का औजार है. राहुल ने आगे कहा कि BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का ग़रीब बच्चा अंग्रेज़ी सीखे, क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें, बराबरी करें. आज की दुनिया में अंग्रेजी उतनी ही जरूरी है जितनी आपकी मातृभाषा, क्योंकि यही रोजगार दिलाएगी, आत्मविश्वास बढ़ाएगी. 

हर बच्चे को हमें अंग्रेजी सिखानी है

राहुल गांधी ने अंग्रेजी भाषा की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है, ज्ञान है. हमें उन्हें संजोना है और साथ ही हर बच्चे को अंग्रेज़ी सिखानी है. यही रास्ता है एक ऐसे भारत का, जो दुनिया से मुकाबला करे, जो हर बच्चे को बराबरी का मौका दे. 

(ये भी पढ़ें- इस देश में अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी... अमित शाह ने मंच से ऐसा क्यों कहा?)

कल अमित शाह ने कहा था- अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी

राहुल गांधी ने बेशक पोस्ट में कहीं भी अमित शाह की बात का जिक्र नहीं किया, लेकिन निशाने पर सीधे वही थे. अमित शाह ने कल दिल्ली में पूर्व सिविल सेवक, आईएएस आशुतोष अग्निहोत्री की किताब 'मैं बूंद स्वयं, खुद सागर हूं' के विमोचन पर हिंदी की ताकत बताते कहा था कि हमारा देश, इसका इतिहास, संस्कृति और धर्म, इन सबको समझना है तो कोई विदेशी भाषा हमें नहीं सिखा सकती. आधी-अधूरी विदेशी भाषाओं से संपूर्ण भारत की कल्पना नहीं हो सकती. वो सिर्फ भारतीयता और भारतीय भाषा से हो सकती है. अमित शाह ने कहा था कि हमारी भाषाओं में हम हमारा देश चलाएंगे, सोचेंगे भी, शोध करेंगे, नतीजे भी निकालेंगे और विश्व का नेतृत्व भी करेंगे. अमित शाह ने कहा कि मेरा मानना है कि हमारे देश की भाषाएं हमारी संस्कृति के रत्न हैं. अपनी भाषाओं के बिना हम सच्चे भारतीय नहीं हैं. 

 

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