Madhabi Puri Buch: सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच भ्रष्टाचर के गंभीर आरोपों से घिरी हुई हैं. इसी बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुच द्वारा संसद की लोक लेखा समिति पीएसी के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताने के बाद कुछ सवाल दागे हैं. उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया पर सवाल पूछते हुए लिखा कि आखिर उन्हें पीएसी के प्रति जवाबदेह होने से बचाने के मंसूबे के पीछे कौन है.
राहुल गांधी ने लिखा कि माधवी बुच संसद की लोक लेखा समिति पीएसी के समक्ष सवालों का जवाब देने में क्यों अनिच्छुक हैं? उन्हें पीएसी के प्रति जवाबदेह होने से बचाने के मंसूबे के पीछे कौन है?
1. Why is Madhabi Buch reluctant to answer questions before the Public Accounts Committee (PAC) of Parliament?
2. Who is behind the plan to protect her from being answerable to the PAC?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 24, 2024
इतना ही नहीं राहुल के अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी सवाल दागे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार अपने ‘कारनामों’ को सेबी प्रमुख को ढाल बनाकर छिपा नहीं सकती. खरगे ने कहा कि संसद की पीएसी को संवैधानिक अधिकार है कि वो किसी भी सरकारी जांच के विषय में किसी भी अधिकारी को तलब कर सकती है. सेबी की स्वायत्तता को सुरक्षित रखने के लिए, संस्थान की निष्पक्षता बरक़रार रखने के लिए और संसद में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सेबी प्रमुख को पीएसी के समक्ष जवाब देने ही होंगे.
खरगे ने तो यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने कारनामों को सेबी प्रमुख को ढाल बनाकर छिपा नहीं सकती है. आख़िरकार करोड़ों छोटे-मध्यम लोगों के निवेश का सवाल है. वहीं माधवी पुरी बुच के पीएसी के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताने के कारण समिति के प्रमुख केसी वेणुगोपाल ने इसकी बैठक स्थगित कर दी. हालांकि बीजेपी ने वेणुगोपाल पर एकतरफा तरीके से निर्णय लेने और असंसदीय आचरण करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की है.
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