Shiv Sena UBT leaders offer MNS for alliance: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों हलचल है. उद्धव और राज ठाकरे के बीच गठबंधन की संभावना ने इस हलचल को और भी तेज कर दिया है. महाराष्ट्र में इस साल के अंत में मुंबई, ठाणे, नासिक, नागपुर और पुणे जैसे शहरों की नगर निगम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में अगर ये गठबंधन होता है, तो ये राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा. अब सबकी नजरें ठाकरे परिवार पर टिकी हैं.
क्या ठाकरे बंधु फिर से एक होंगे?
क्या ठाकरे बंधु फिर से एक होंगे? इसका जवाब आने वाला समय देगा. लेकिन मनसे की पार्टी की तरफ से इस मामले में एक बयान आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के वरिष्ठ नेता संदीप देशपांडे ने गुरुवार को कहा कि उनके नेता राज ठाकरे शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन तभी सोचेंगे, जब उद्धव ठाकरे की पार्टी कोई ठोस प्रस्ताव लेकर आए. उन्होंने पूराने जख्म और धोखे की बात भी कही, जब पहले के गठबंधन की बात चली थी. जिसमें शिवसेना (यूबीटी) ने धोखा दिया था.
एक ठोस प्रस्ताव लेकर आए शिवसेना (यूबीटी)
मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए देशपांडे ने राज ठाकरे के हालिया इंटरव्यू का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन की संभावना पर चर्चा करने की बात कही थी. देशपांडे ने कहा, "अगर शिवसेना (यूबीटी) को लगता है कि एमएनएस के साथ गठबंधन मुमकिन है, तो उन्हें एक ठोस प्रस्ताव लेकर आना चाहिए.
शिवसेना (यूबीटी) ने दिया था धोखा
राज ठाकरे उस पर फैसला लेंगे." उन्होंने 2014 और 2017 के उन मौकों को याद किया जब एमएनएस ने गठबंधन की पहल की थी, लेकिन शिवसेना ने "धोखा" दिया. उन्होंने कहा, "अब अगर वे हमें चाहते हैं, तो उन्हें राज ठाकरे को औपचारिक प्रस्ताव भेजना होगा. वह उचित निर्णय लेंगे." देशपांडे ने यह भी साफ किया कि राज ठाकरे ने अपने इंटरव्यू में गठबंधन की पक्की बात नहीं की थी. उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि अगर शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से कोई प्रस्ताव आता है, तो वह उस पर विचार करेंगे. यह पार्टी विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है.
राज ठाकरे ने 'मराठी मानूस' के मुद्दे पर साथ होने की कही थी बात
पिछले महीने राज और उद्धव ठाकरे ने बयानों से संकेत दिए थे कि वे 'मराठी मानूस' के हित में छोटी-मोटी बातों को भुलाकर एकजुट हो सकते हैं. यह चर्चा लगभग बीस साल बाद आई है, जब 2005 में राज ठाकरे ने शिवसेना का साथ छोड़कर 2006 में अपनी पार्टी एमएनएस बनाई थी. इसके पहले राज ठाकरे की पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुकी है जो शिवसेना (यूबीटी) की कट्टर प्रतिद्वंद्वी है.
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