Ajmer News: राजस्थान के अजमेर की प्राचीन आनासागर झील के वेटलैंड क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों के निर्माण पर आज आखिरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद प्रशासन ने पीला पंजा चलाया.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से पिछले दिनों आदेश पारित कर वेटलैंड एरिया में इस तरह के निर्माण को अवैध बताते हुए इन्हें ध्वस्त करने के निर्देश प्रशासन को दिए थे. लेकिन प्रशासन इसके खिलाफ अपील में सुप्रीम कोर्ट में गया, जहां से भी उसे राहत नहीं मिली.
सुप्रीम कोर्ट ने भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश को यथावत रखते हुए प्रशासन को इसके लिए कार्रवाई करने के लिए कहा. इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुख्य सचिव सुधांशु पंत को भी तलब किया था.
पिछले दिनों अजमेर दौरे पर आए मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने भी प्रशासन की इस लाचार कार्यवाही पर नगर निगम के अवसरों पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
इस पूरे मामले को लेकर 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश होनी है और उससे पहले आज इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से अंजाम दी गई इस कार्रवाई में स्मार्ट सिटी फंड से करोड़ों की लागत से बनकर तैयार रीजनल कॉलेज रोड पर बने सेवेन वंडर्स पर भी ताले लगा दिए गए हैं.
वहां रखी सेवेन वंडर्स आकृतियों को क्रेन की मदद से हटाया जा रहा है तो वही रामप्रसाद घाट पर बने फूड कोर्ट पर भी पीला पंजा चला है.
आपको बता दें कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने पिछले साल रीजनल कॉलेज रोड पर ही दो दर्जन से अधिक व्यावसायिक दुकानों को भी वेटलैंड दायरे में मानते हुए अवैध संज्ञा देते हुए उन्हें सीज किया था.