Ajmer News: राजस्थान के अजमेर में भाई का शव मकान के बाहर सड़क पर रखा रहा लेकिन बहन ने मेन गेट का ताला नहीं खोला. पिता के मकान पर कब्जे को लेकर भाई-बहन में विवाद चल रहा था. भाई की मौत के बाद बहन ने शव को भी घर में आने नहीं दिया और मेन गेट पर ताला लगा दिया. मृतक के भाई ने पुलिस को सूचना दी तब पुलिस की दखल पर दरवाजा खोला गया. मामला अजमेर के अलवर गेट थाना इलाके के धोलाभाटा की है.
अलवर गेट थाना प्रभारी नरेन्द्रसिंह जाखड़ ने बताया कि धोलाभाटा इलाके में रहने वाले ओमप्रकाश नेपालिया (50) की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. रविवार को परिजन पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेकर घर पहुंचे तो मेन गेट पर ताला लगा था. अंदर ओमप्रकाश की बहन और उसका परिवार था. बहन ने शव को कहीं और ले जाने की बात कही.
इस पर ओमप्रकाश के भाई हेमंत कुमार ने अलवर गेट थाने को सूचना दी और बहन के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया. अलवर गेट पुलिस मौके पर पहुंची और मेन गेट खुलवाया तब तक शव सड़क पर ही रखा रहा.
हेमंत ने बताया कि ओमप्रकाश पेन्टर का काम करता था. ओमप्रकाश का कई साल पहले पत्नी से तलाक हो गया था. पिता की मौत के बाद बहन मकान पर कब्जे को लेकर ओमप्रकाश को परेशान कर रही थी. मैं भाई को रोजाना रोटी देकर जाता था.
बहन मकान पर कब्जा करने के लिए मेनगेट पर ताला लगाकर रखती है. दरवाजा कूदकर अंदर जाना पड़ता है. बहन ओमप्रकाश को परेशान करती थी. कई बार उसे बाहर ही रहना पड़ता था. करीब 15 दिन पहले ओमप्रकाश गिरकर घायल हो गया था. उपचार के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई.
अलवर गेट थाना प्रभारी नरेन्द्रसिंह जाखड़ ने बताया कि रविवार को पोस्टमॉर्टम के बाद हेमंत और अन्य परिजन शव लेकर घर पहुंचे लेकिन बहन ने लॉक नहीं खोला. शव को घर के बाहर रोड पर ही रख दिया गया. इसके बाद अलवर गेट थाना पुलिस को सूचना दी गई.
परिजन ओमप्रकाश का अंतिम संस्कार और अन्य रस्में निभाने के लिए शव को मकान के अंदर ले जाना चाह रहे थे लेकिन बहन इससे इनकार कर रही थी. ऐसे में हेमंत ने रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस की दखल से गेट खुलवाया.