Rajasthan News: राजस्थान के राजगढ़ के सरकारी विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका आशा रानी सुमन न सिर्फ शिक्षण के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक सुधार और आत्मरक्षा में भी एक बड़ा नाम बन चुकी हैं. उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है. यही वजह है कि उन्हें 5 सितंबर 2023 को विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. शिक्षा मंत्रालय ने उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चयनित किया था.
पावर गर्ल के रूप में पहचान
बालिकाओं के बीच 'पावर गर्ल आशा' के नाम से प्रसिद्ध आशा रानी सुमन ने अब तक 30,000 से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया है. उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षा को भी अपने कार्य का आधार बनाया. शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्टूडेंट्स को प्राथमिकता देते हुए उन्होंने 4S मॉडल विकसित किया, जो उनके शिक्षण और सामाजिक कार्यों का मजबूत स्तंभ बना.
ई-कंटेंट और डिजिटल शिक्षा में नवाचार
आशा रानी ने विद्यार्थियों की रुचि और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बिना किसी अतिरिक्त लागत के डिजिटल कंटेंट तैयार किया. उन्होंने लगभग 250 कार्टून वीडियो बनाए, जबकि शिक्षा दर्शन कार्यक्रम के तहत उनके करीब 1000 वीडियो प्रसारित हो चुके हैं. खास बात यह रही कि उन्होंने किसी विशेष संसाधन की मांग नहीं की, बल्कि अपनी कक्षा में ही यह कंटेंट विकसित किया.
ग्रामीण शिक्षा और नवाचार में योगदान
अपने 20 वर्षों के सेवाकाल में आशा रानी ने कई महत्वपूर्ण पहल कीं, जिनमें शामिल हैं:
1. नुक्कड़ नाटक और स्कूल प्रवेश उत्सव रेलियों का आयोजन कर शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना.
2. अभिभावक बैठकों के माध्यम से बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करना.
3. गरीब बच्चों को मुफ्त स्टेशनरी उपलब्ध कराना.
4. 30 सरकारी विद्यालयों के बच्चों के लिए बाल मेले का आयोजन.
5. शिक्षा दर्शन, पीएम ई-विद्या चैनल और दीक्षा पोर्टल के लिए डिजिटल कंटेंट निर्माण.
6. ऑडियोबुक डिपो और कॉमिक बुक का निर्माण.
7. हमारा राजस्थान नाम से विशेष ई-कंटेंट का विकास.
दिव्यांग बालिकाओं के लिए विशेष आत्मरक्षा प्रशिक्षण
एक विशेष पहल के तहत, आशा सुमन ने 150 दिव्यांग छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया. ये बालिकाएं सामान्य बच्चों की तरह देख, सुन और बोल नहीं सकतीं, इसलिए उन्होंने दैनिक जीवन की गतिविधियों से जोड़कर विशेष तकनीक से प्रशिक्षण दिया. डेमी मॉडल्स के माध्यम से इन्हें आत्मविश्वास से भरते हुए विपरीत परिस्थितियों से निपटने की शक्ति दी गई. यह प्रशिक्षण उन्होंने अपने निजी खर्च से लिया और दिव्यांग छात्राओं के आत्मरक्षा के लिए विशेष तकनीक विकसित की.
राजस्थान की सबसे बड़ी टॉय लाइब्रेरी की स्थापना
आशा सुमन ने जिले की सबसे बड़ी टॉय लाइब्रेरी का निर्माण किया, जिसमें 500 से अधिक शैक्षिक खिलौने और पुस्तकें शामिल हैं. इस लाइब्रेरी को आकर्षक ढंग से डिजाइन किया गया है, जहां बच्चे खेल-खेल में सीखते हैं और अपनी रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं.
पुरस्कार और सम्मान
अपने 20 साल के शिक्षण करियर में आशा रानी को जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं. उन्होंने मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं और उनका लक्ष्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना और उन्हें जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करना है.
समाज के लिए प्रेरणा
शिक्षा के क्षेत्र में आशा सुमन का योगदान प्रेरणादायक है. उन्होंने न केवल शिक्षण पद्धति में नवाचार किया, बल्कि समाज में बेटियों की सुरक्षा और उनके भविष्य को भी प्राथमिकता दी. शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को अपना कार्यक्षेत्र बनाकर उन्होंने एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेगी.
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