Alwar News: खैरथल तिजारा जिले के मुंडावर उपखंड के पेहल गांव में 2015 में हुई दो मासूम बच्चों की नरबलि मामले को लेकर परिवार आज भी इंसाफ को लेकर घूम रहे है. हजारीलाल सैन के परिवार के लिए यह दर्द सिर्फ अपनों को खोने तक सीमित नहीं, बल्कि लंबे अर्से की असंवेदनशीलता ने इसे और गहरा बना दिया है.
दअरसल 15 मई 2015 को हजारीलाल के दो नाबालिग पौत्रों का अपहरण कर लिया गया. अपहरण के तीन दिन की तलाश और प्रदर्शन के बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर दो व्यक्तियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की. पुलिस की कड़ी पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए थे. तांत्रिक अनुष्ठान के नाम पर बच्चों की नरबलि दी गई थी.
बच्चों के क्षत-विक्षत शव के टुकड़े गांव के पास की पहाड़ी के खंडहर से बरामद हुए थे. हालांकि पुलिस ने जल्द ही इस प्रकरण का खुलासा कर दिया था, लेकिन परिवार उस जांच से संतुष्ट नहीं हुआ. इस पूरी वारदात में परिजनों ने अन्य लोगों लोग उस तांत्रिक क्रिया में शामिल थे, उनके नार्को टेस्ट की मांग की, जिसको लेकर परिजन हाई कोर्ट भी गए.
बताया जा रहा है कि कोर्ट ने भी नार्को टेस्ट की अपील को स्वीकार भी कर लिया, लेकिन 10 सालों के लंबे इंतजार के बाद आज तक किसी भी शख्स का नार्को टेस्ट नहीं करवाया गया. 10 साल की लंबी लड़ाई के बाद भी हजारीलाल और उनका परिवार इंसाफ की आस लगाए बैठा हुआ है. परिवार का मानना है कि बच्चों के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला लेकिन परिवार हार नहीं मानेगा.
ये भी पढ़ें- रेगिस्तान का वीरान पड़ा यह गांव, रातों-रात बन गया खंडर, आज भी यहां कोई नहीं बसा पाता अपना आशियाना
ये भी पढ़ें- Rajasthan Popular Wedding Place: राजस्थान के ये 5 मशहूर महल, बॉलीवुड कपल्स के खास दिन के बने गवाह