Alwar News: राजस्थान के अलवर जिले में गोविंदगढ़ के रामबास को नगर पालिका में जोड़ने का विरोध शुरू हो गया. शनिवार रात्रि को रामबास में स्थित बुर्जा पर गांव की मीटिंग का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए. महापंचायत का आयोजन लल्लू पटेल की अध्यक्षता में किया गया.
महापंचायत में आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत के सरपंच के द्वारा मनमर्जी से बिना गांव की सहमति के लिए नगरपालिका में जोड़ने का मेजर नामां दे दिया. जबकि ग्रामीण नहीं चाहते कि रामबास गांव नगर पालिका में जुड़े. उन्होंने सांसद पर आरोप लगाया कि बिना गांव के लोगों से चर्चा किए कुछ नेताओं के कहने से नगर पालिका में रामबास को जोड़ दिया.
उन्होंने सरकारी जमीन और मंदिर माफी जमीन को भी खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाया. मौके पर ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक और सरपंच को बुलाने की मांग भी रखी. इस दौरान कालू पेंटर, मनीराम, केदार सैनी, सुभाष यादव, रोशन सैनी, रविंदर शर्मा, दुल्ली कबाड़ी, रामचंद्र शर्मा, कमलेश यादव, दलवीर सैनी, जगदीश यादव, मुखराम यादव आदि मौजूद रहे.
नगर पालिका में जुड़ने से नुकसान है. अगर हम नगर पालिका में जुड़ते हैं, तो हमें पानी जो फ्री पी रहे हैं. उसका बिल देंगे. मकान बनाने पर टैक्स देना होगा. हर छोटे काम के लिए नगर पालिका में चक्कर लगाने पड़ते हैं. रामबास में मध्यम और निम्न वर्ग के लोग हैं. ऐसे में उन पर टैक्स बढ़ेगा.
महापंचायत में आरोप लगाया कि नगर पालिका में जोड़कर रामबास की भ्रूण हत्या कर दी गई. रामबास के पास एक बड़ा राजस्व हिस्सा है. फिर नगरपालिका का नाम गोविंदगढ़ है. इसमें रामबास का नाम जोड़ने का भी पक्ष रखा. लोगों ने तीन मांगे रखी. रामबास हटे, रामबास गोविंदगढ़ नाम हो, राजस्व में कोई छेड़छाड़ ना हो.
विधायक सुखवंत सिंह ने कहा कि सरकार ने विकास को ध्यान में रखते हुए. नगर पालिका बनाया है, जो आपके नाम जोड़ने की मांग है. उस पर मै सहमत हूं. हम इसका प्रस्ताव रखेंगे और नगर पालिका में गोविंदगढ़ के साथ रामबास का नाम जुड़ेगा.
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