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Alwar News: सरिस्का के जंगलों से फरार हुआ ST-2303 बाघ पहुंचा कोटकासिम, मौके पर पहुंची अभ्यारण की टीम

Alwar latest News: अलवर में सरिस्का के बफर जोन से निकला टाइगर ST-2303 कोटकासिम के जकोपुर गांव में पहुंच चुका है. साथ ही जकोपुर गांव से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ही खेतों में बाघ ST-2303 के पग मार्ग भी देखे गए हैं. 

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Alwar News Tiger ST2303 which came out of Sariska jungles reached Kotakasim
Alwar News Tiger ST2303 which came out of Sariska jungles reached Kotakasim
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Sep 08, 2024, 12:44 PM IST
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Alwar latest News: राजस्थान के अलवर में सरिस्का के बफर जोन से निकला टाइगर ST-2303 कोटकासिम के जकोपुर गांव में पहुंच चुका है. सुबह जकोपुर गांव के रहने वाले नरेश पुत्र झमन लाल प्रजापत ने बाघ को सड़क क्रॉस करते हुए देखा है. 

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साथ ही जकोपुर गांव से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ही खेतों में बाघ ST-2303 के पग मार्ग भी देखे गए हैं. सूचना के बाद मौके पर जकोपुर और मसवासी गांव के लोग बड़ी संख्या में मौके पर इकठ्ठे हो गए और शेर के पगमार्कों के आधार पर उसकी तलाश शुरू की. 

 

इसी दौरान सरिस्का रेंजर्स शंकर सिंह सहित किशनगढ़ बास रेंजर को टेलीफोन से सूचना दी गई. बाघ की सूचना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है. लोग खेतों में जाने से डर रहे हैं. वहीं बार-बार वन विभाग की टीम को सूचना दे रहे हैं. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचने से अब ग्रामीणों को भरी राहत है.

 

 

सरिस्का के बफर जोन से निकला बाघ ST-2303 फिलहाल मानव जाति के लिए खतरा बन चुका है. यह बाघ करीब 7 महीने पहले भी सरिस्का से निकलकर कोटकासिम क्षेत्र से होता हुआ रेवाड़ी पहुंच गया था, लेकिन बाद में अपनी टेरिटरी बनाते हुए वापस बानसूर होता हुआ सरिस्का पहुंचा था. 

 

इस दौरान इसने एक व्यक्ति को नरवाश गांव में घायल किया था, तो वहीं तीन वन कर्मियों को भी इसने घायल कर दिया था. इस बार भी सरिस्का के बफर जॉन से निकले इस टाइगर ने पांच लोगों को घायल कर दिया है, लेकिन वन विभाग की टीम टाइगर को रेस्क्यू करने में असफल साबित हो रही है.

 

तीन दिन पहले ही जकोपुर गांव से महज 3 किलोमीटर दूर राजस्थान के ही भगाना गांव में टाइगर ST-2303 के पगमार्ग देखे गए थे. उस समय वन विभाग की टीम पूरे दिन डेरा जमाए बैठी रही. लेकिन बाघ को रेस्क्यू नहीं कर पाई. 

 

इन तीन दिनों में टीम खेतों में खाक छानती रही, लेकिन ना तो उन्हें बाघ के पगमार्क मिले और ना ही बाघ मिला. अचानक जखोपुर में शनिवार को बाघ के पग मार्क देखे गए और बाघ भी दिखाई दिया है.

 

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