Rajasthan News: राजस्थान का ऐतिहासिक शहर अलवर अपने पौराणिक और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में 209 वर्ष प्राचीन बख्तेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं. यह मंदिर अपनी अलौकिक और दिव्य प्रतिमाओं के कारण विशेष महत्व रखता है. यहाँ भगवान शिव और माता पार्वती दूल्हा-दुल्हन के स्वरूप में विराजमान हैं, जो इस मंदिर को अद्वितीय बनाता है.
अरावली पर्वतमाला के बीच सागर पर स्थित मंदिर
बख्तेश्वर महादेव मंदिर अलवर में मूसी महारानी की छतरी के सामने, एक विशाल जलसागर के ऊपर स्थित है. चारों ओर से अरावली की पर्वतमालाओं से घिरा यह मंदिर अपनी भव्यता और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है. भगवान शिव और माता पार्वती के साथ उनके दोनों पुत्र भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय भी विराजमान हैं. विशेष बात यह है कि सभी प्रतिमाएं आदमकद आकार की हैं. शिवजी का वाहन नंदी महाराज, पार्वती माता का वाहन सिंह, गणेश जी का वाहन मूषक और कार्तिकेय जी का वाहन मयूर हैं. सफेद और काले संगमरमर से बनी ये मूर्तियां राजस्थान की अनूठी मूर्ति कला का बेजोड़ उदाहरण हैं.
209 साल पुराना ऐतिहासिक मंदिर
इस प्राचीन मंदिर का निर्माण राजा बख्तावर सिंह ने पंडित रामदयाल सारस्वत के निर्देश पर करवाया था. आज भी उनकी सातवीं पीढ़ी के वंशज इस मंदिर की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष श्रृंगार और अनुष्ठान किए जा रहे हैं. श्रद्धालु मानते हैं कि इस मंदिर में मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है. दूल्हा-दुल्हन स्वरूप में विराजमान शिव-पार्वती की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है. महाशिवरात्रि पर यहां की भव्यता और आस्था देखने लायक होती है.
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Reported By- स्वदेश कपिल