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Holi 2025: होली पर निकलता है अलवर का सुप्रसिद्ध नानक शाही स्वांग

Alwar News: अलवर शहर सहित बाहर के पर्यटक भी इस स्वांग को देखने आते हैं. हास्य व्यंग्य और होली की मस्ती से सराबोर और यह स्वांग शहर वासियों को गुदगुदाता है.

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Holi 2025
Holi 2025
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Mar 12, 2025, 05:42 PM IST
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Alwar News: होली हो और स्वांग परंपरा की बात ना हो ऐसा हो नहीं सकता.  इसका दायरा कम हुआ है लेकिन आज भी यह परंपरा कायम है. इस परंपरा के कलाकार कम हो गए हैं. होली पर्व से पहले शहर में स्वांग निकलता है. 

अलवर शहर सहित बाहर के पर्यटक भी इस स्वांग को देखने आते हैं. हास्य व्यंग्य और होली की मस्ती से सराबोर और यह स्वांग शहर वासियों को गुदगुदाता है. 20 सालों से इस स्वांग परंपरा को जिंदा रखे हैं. राजशाही के समय में अलवर शहर में इस तरह के मनोरंजन के लिए 10 स्वांग निकलते थे. अब एक ही जीवित है. यह परंपरा करीब 200 साल पुरानी है. 

अलवर में निकलने वाला नानक शाही स्वांग नागौर से अलवर तक पहुंचा है. इसका मुख्य आकर्षण ऊंट पर बैठी सेठानी होती है. वह इतनी सुंदर है कि सेठ जी उसे घर पर अकेला नहीं छोड़ते बल्कि जब वह बाजार में व्यापारियों से उगाई के लिए जाते हैं तो उसे साथ लेकर जाते हैं. इसमें मुनीम और सेठ के बीच व्यंगात्मक संवाद ही लोगों को गुदगुदाता है.

स्वांग कलाकार शंकर लाल सैनी ने बताया कि सोशल मीडिया का युग है. ऐसे में युवाओं को उनकी परंपराओं से रूबरू कराने के लिए हर साल यह स्वांग निकाला जाता है. विगत 19 सालों से सेठ की भूमिका कर रहा हूं. इसमें सेठ और मुनीम के डायलॉग बहुत पसंद किए जाते है. .

जरूरत है कि सरकारी आयोजनों में इसे मौका दिया जाए. फकीर की भूमिका निभा रहे नरेश सैनी ने कहा 25 साल हो गए मुझे फकीर की भूमिका में. यह नागौर के नानक शाही स्वांग से लिया गया है. इसमें मनोरंजन के साथ-साथ नयापन देने के लिए हर बार कुछ नया संदेश जोड़ा जाता है. जैसे कोरोना के दौरान वैक्सीन लगाने का संदेश दिया गया. 

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