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Rajasthan unique holi: होली पर लोगों ने एक दूसरे पर फेंकी जलती हुई लकड़ियां, 2 लोग घायल

Rajasthan village unique holi: बांसवाड़ा जिले के घाटोल में होली के अवसर पर 250 वर्षों से चली आ रही परंपरा के तहत जलती लकड़ियों से राड खेलने का आयोजन हुआ. इस जोखिम भरे खेल में दो लोग घायल हो गए. परंपरा के अनुसार, लोग आग से खेलते हैं और यह आयोजन उत्सव का प्रमुख हिस्सा होता है.

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Banswara News Zee Rajasthan
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Ajay Ojha|Updated: Mar 14, 2025, 12:58 PM IST
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Rajasthan News: बांसवाड़ा जिले में होली का त्योहार उत्साह और जोश के साथ मनाया जा रहा है. जिले के घाटोल कस्बे में भी होली की अनूठी परंपरा प्रचलित है. करीब 250 वर्षो से चली आ रही परम्परा से सर्व समाज जुड़ा हुआ है, लेकिन यहां होली की परंपरा भिन्नता को दर्शाती है. यहां मध्यरात्रि को पटेलवाड में पाटीदार समाज द्वारा गैर नृत्य का आयोजन किया गया. यहां ढोल की थाप पर युवाओं सहित बुजुर्गो ने गैर नृत्य में हिस्सा लिया. ब्रह्म मुहूर्त में ढोल का स्वर बदलते ही युवाओं द्वारा हाथ में जलती हुई लकड़ियां लेकर होलिका दहन किया गया. 

इसके बाद पोस्ट चौराहा पर पाटीदार समाज के साथ पांच कोम द्वारा गैर का आयोजन हुआ. इसमें बुजुर्ग सहित युवाओं और बच्चों ने भी उत्साह के साथ भाग लिया. ढोल की थाप पर जमकर गैर नृत्य किया. सूर्योदय की पहली किरण के साथ ढोल की थाप का स्वर बदलने के साथ ही पाटीदार समाज के युवाओं द्वारा दो पक्ष बनाकर जलती हुई लकड़ियों से राड खेली गई. एक दूसरे पर जलती हुई लकड़ियां फेकी. करीब पांच मिनट तक चली जलती लकड़ियों से राड खेली गई. एक दूसरे पर फेंकी गई लकड़ियां हवा में लहराते हुए एक से दूसरे पक्ष के सामने गिरती हुई लकड़ियों को सुरक्षा की दृष्टि से हाथों में दूसरी लकड़ियों से रोककर खुद को बचाते हुए युवाओं द्वारा कुछ मिनट तक जारी रहा, राड नृत्य ने दर्शकों को आकर्षित कर दिया. कुछ मिनट बाद पंचों द्वारा राड रोकने के संकेत के बाद युवाओं सहित बड़े बुजुर्गों ने एक दूसरे के गले लग होली की बधाई दी.

राड के दौरान दो युवाओं को हल्की हाथ की उंगली व एक को पीठ पर हल्की चोट लगी. वर्षो से चली आ रही घाटोल में जलती लकड़ियों से राड खेलने की परंपरा को देखने का खासा लोगों में उत्साह कस्बे सहित आसपास गांवों के ग्रामीण भी राड देखने पहुंचे. करीब 250 वर्षो से अधिक समय से यह अनूठी परंपरा चली आ रही है. इस परंपरा का निर्वहन पाटीदार समाज द्वारा किया जा रहा है. जो क्षेत्र में आज भी अनूठी बनी हुई है. होली से करीब 15 दिन पूर्व ही पटेलवाडा में रात्रि को गैर नृत्य का आयोजन होता है.

होली के त्यौहार में शांति एवं कानून व्यवस्था को लेकर तहसीलदार हाबुलाल मीणा, घाटोल थानाधिकारी प्रवीण सिंह चौहान मय जाप्ता मौजूद रहे. वही राड के दौरान नेशनल हाइवे पर सुचारू ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर घाटोल चौकी प्रभारी नेपाल सिंह ने खुद मोर्चा संभाला.

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