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Jaisalmer News: कुरजा पक्षियों की मौत से जैसलमेर में अलर्ट, बर्ड फ्लू की जांच जारी, लुणेरी तालाब में 6 प्रवासी पक्षियों की गई जान

Kurja Bird: राजस्थान में 6 प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद चिंता बढ़ गई है. बर्ड फ्लू की आशंका के चलते मृत पक्षियों के सैंपल को जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है. यह घटना राज्य में बर्ड फ्लू के फैलने की संभावना को बढ़ा दती है.  

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Jaisalmer News: कुरजा पक्षियों की मौत से जैसलमेर में अलर्ट, बर्ड फ्लू की जांच जारी, लुणेरी तालाब में 6 प्रवासी पक्षियों की गई जान
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jan 12, 2025, 06:51 AM IST
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Rajasthan News: जैसलमेर जिले के छोड़िया गांव के पास लुणेरी तालाब में शनिवार को 6 कुरजा प्रवासी पक्षियों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई. जबकि 2 अन्य पक्षी बीमार हालत में मिले. वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मृत पक्षियों के शव और बीमार पक्षियों को पशु चिकित्सालय भेजा. बीमार पक्षियों का इलाज किया जा रहा है, जबकि मृत पक्षियों का पोस्टमार्टम कर जांच की जाएगी. डीएफओ आशुतोष ओझा ने बताया कि इन पक्षियों में बर्ड फ्लू की जांच की जाएगी. जिले में इस समय बड़ी संख्या में प्रवासी कुरजा पक्षी तालाबों पर ठहरे हुए हैं.
 
हाल ही में राजस्थान के अन्य इलाकों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. जैसलमेर में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन एक साथ 6 पक्षियों की मौत और 2 के बीमार मिलने के बाद विभाग अलर्ट पर है. पिछले साल दिसंबर में जोधपुर के फलोदी इलाके के खीचन गांव में मृत कुरजा पक्षियों के सैंपल भोपाल की हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब भेजे गए थे, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी.

 

 
वन विभाग और पशुपालन विभाग मृत पक्षियों की जांच कर जैसलमेर में बर्ड फ्लू के फैलने की संभावना का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार हैं.
 
 
सर्दियों के मौसम में विदेशी मेहमानों की संख्या में बढ़ोतरी होती है, जिनमें कुरजां पक्षी भी शामिल हैं. ये पक्षी हजारों किलोमीटर का सफर तय कर पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर में डेरा डालते हैं. लाठी और देगराय जैसे वन्यजीव क्षेत्रों में 5,000 से अधिक कुरजां पहुंचती हैं, जो तालाबों की रौनक बढ़ा देती हैं. चीन, कजाकिस्तान और मंगोलिया जैसे देशों में बर्फबारी शुरू होते ही ये पक्षी गर्म और अनुकूल वातावरण की तलाश में राजस्थान का रुख करती हैं.
 
 
 
इन कुरजां पक्षियों के कलरव से तालाबों का माहौल जीवंत हो उठता है. जैसे-जैसे तापमान गिरता है, इन विदेशी मेहमानों की संख्या बढ़ जाती है. ये पक्षी करीब 6000 किलोमीटर का सफर तय कर पश्चिमी राजस्थान पहुंचते हैं और अपनी मधुर आवाजों से तालाबों को जीवंत बना देते हैं.
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