Churu News: प्रकृति आराधना और शक्ति की साधना के साथ होलिका दहन के दूसरे दिन 14 मार्च को शुरू हुए. गणगौर पूजन के साथ ही गाए जाने वाले गीतों से सरदारशहर की सुबह सुरमई हो रही है. सुबह की बेला में गणगौर पूजन के लिए पीहर आई हुई नवविवाहिताए गणगौर के गीतों से धोरो की धरती को रिझा रही है.
सुबह-सुबह घरों में जब गणगौर पूजन का यह गीत "गौर ए गणगौर माता खोल ऐ किंवाड़ी" गूंजता है, तो यहां की सुबह चहक उठती है. पंछियों की चहचहाट और कन्याओं के कंठो से गूंजते गीतों से धोरो की धरती झूम रही है. बसंती मौसम में पेड़ पौधों से फूटती नव कुंपाले और मिंझर की सुगंध से महक रही धरती चहक रही है. होली पर धुलंडी शुरू हुए 18 दिन के गणगौर पूजन के प्रथम चरण में गौर ईशर के प्रतिकारात्मक पिंड, जो होलिका की राख से बने हुए हैं उनकी पूजा की जा रही है.
आमतौर पर गणगौर का त्योहार 16 दिन का होता है, लेकिन इस बार यह त्यौहार 18 दिन का है. समूह में कन्या गणगौर का पूजन करते हुए लोक संस्कृति से रचे बसे गीत गा रही है और गणगौर का ध्यान कर अमर सुहाग भाग की कामना कर रही है. वार्ड 16 में रामकुमार शर्मा की नवविवाहित पुत्री विनीता शर्मा व नवविवाहिता हिमानी चौधरी, प्रीति जांगिड़ अपनी विवाह के बाद पहली बार अपने पीहर में अपनी सहेलियों के साथ गणगौर पूजन कर रही है.
इस दौरान सुबह गणगौर पूजा करती हुई नवविवाहिता विनीता शर्मा ने बताया कि मेरी हाल ही में शादी हुई है और मैं अपनी सहेलियों के साथ अपने पीहर में गणगौर पूजन कर रही हूं. हम सुबह जल्दी उठते हैं ओर दुब लेकर आते हैं और होलिका दहन की मिट्टी से बने हुए पिंड की पूजा कर रहे हैं. नवविवाहिता प्रीति जांगिड़ ने बताया कि शीतला अष्टमी के बाद में गणगौर माता के बनोरे निकाले जाएंगे.
गणगौर पर्व के दूसरे चरण में 21 मार्च से सुबह और शाम दोनों समय गणगौर माता की पूजा की जाएगी, जिस तरह शादी में रस्मे होती है. उसी तरह गणगौर पर्व पर भी हल्दी मेहंदी आदि की रस्में निभाएंगे. नव विवाहित हिमानी चौधरी ने बताया कि मैं मेरे पति के लंबी उम्र के लिए गणगौर माता का पूजन कर रही हूं. इस अवसर पर गणगौर पूजन करने वाली कुंवारी कन्या सुहानी चौधरी ने बताया कि हर बार से बढ़कर इस बार उत्साह के साथ गणगौर पर्व मनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि 21 मार्च से घर घर जाकर गणगौर माता के बनोरे भी निकलेंगे और विधि विधान से 18 दिन तक पूजा की जाएगी. 11 अप्रैल को गणगौर माता का विसर्जन किया जाएगा. वहीं आपको बता दें की 18 दिन तक चलने वाले गणगौर महोत्सव खास तौर पर कन्याओं, नवविवाहिताओ और महिलाओं के लिए उत्साह भरा होता है. शिव पार्वती के रूप में गणगौर और ईशर की पूजा की जाती है.
21 मार्च से 30 मार्च तक घर-घर गणगौर के बनोरे निकाले जाएंगे और रात्रि के समय में नवविवाहिताए अपनी सहेलियों के साथ डीजे की धुन पर खूब नाचती हुई नजर आएगी. 31 मार्च को गणगौर का मेला भरेगा. इस दौरान जोहड़ या कुएं में गणगौर विसर्जन किया जाएगा और 31 मार्च को गणगौर महोत्सव समापन हो जाएगा. इस अवसर पर सुहानी चौधरी, दीपिका प्रजापत मीनू राजपूत पूजा जांगिड़ संतोष राजपूत ममता प्रजापत पूजा जांगिड़, दिव्या प्रजापत आदि ने गणगौर पूजन किया.