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Makar Sankranti special: मकर संक्रांति पर करने जा रहे हैं मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन, तो नोट कर लें ये खास बातें

Makar Sankranti Special: राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. यह एक असाधारण तीर्थ स्थल है, ऐसा माना जाता है कि मंदिर में चमत्कारी शक्तियां हैं, जो बुरी आत्माओं से परेशान व्यक्ति को ठीक कर सकती हैं.  

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Makar Sankranti special
Makar Sankranti special
Aman Singh |Updated: Jan 13, 2025, 08:02 PM IST
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Makar Sankranti Special: राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जयपुर से 103 किमी की दूरी पर जयपुर-आगरा मार्ग पर स्थित है. ये मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, जिन्हें बालाजी कहा जाता है. 

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यह एक असाधारण तीर्थ स्थल है, ऐसा माना जाता है कि मंदिर में चमत्कारी शक्तियां हैं, जो बुरी आत्माओं से परेशान व्यक्ति को ठीक कर सकती हैं. भूत-प्रेत से मुक्ति दिलाने के लिए मेहंदीपुर बालाजी मंदिर प्रसिद्ध है. मेहंदीपुर बालाजी राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जहां पूरे साल हजारों भक्त आते हैं. 

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ होती है. इस दो दिन को भगवान बालाजी का दिन माना जाता है. भक्तों का मानना है कि जो भी व्यक्ति बुरी आत्माओं या भूत-प्रेतों से पीड़ित है उनको यहां मुक्ति मिल सकती है.

मेहंदीपुर बालाजी में कैसे करते हैं दर्शन

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर दौसा में है, अगर आप दौसा जिले की सीमा की तरफ से प्रवेश करते हैं, तो आपको मंदिर के आगे से निकलकर करौली जिले की सीमा की तरफ जाना होगा. वहां से दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगती है.

करौली जिले की सीमा की तरफ से प्रवेश करने के बाद आप बालाजी प्रेतराज के दर्शन करने के बाद दौसा जिले की सीमा की तरफ बाहर निकलेंगे. दौसा की धार्मिक नगरी मेहंदीपुर बालाजी में मकर संक्रांति के त्योहार पर मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन के द्वारा भी व्यवस्थाएं की जाती हैं.

मेहंदीपुर बालाजी का इतिहास

हम अगर मेहंदीपुर बालाजी के इतिहास की बात करें तो इस मंदिर की प्रचलित मान्यता के अनुसार हनुमान जी या बालाजी और प्रेत राजा की प्रतिमाएं अरावली पहाड़ियों के बीच खुद से प्रकट हुई थीं. मंदिर के आसपास का इलाका कभी जंगल हुआ करता था और वहां कई जंगली जानवर रहते थे. ये प्रतिमाएं उसी स्थान पर दिखाई देती हैं, जहां वर्तमान में मंदिर स्थित है.

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