Dholpur News: भारतीय संस्कृति में तीज त्योहार की परंपरा अनूठी है. तीज त्योहार भारतीय संस्कृति में अलग महत्व और पहचान रखते है. ऐसा ही एक त्यौहार गणगौर का है जिसे पूजने के लिए सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्या बेसब्री से इंतजार करती हैं. होली के बाद से ही गणगौर की पूजा अर्चना का दौर शुरू हुआ और 16 दिन बाद गुरुवार को गणगौर का पर्व परंपरा और उत्साह के साथ ही श्रद्धा पूर्वक मनाया गया.
विशेषकर सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्या अमर सुहाग दात्रि गणगौर माता और ईसर की पूजा अर्चना करती हैं और गणगौर की कहानी सुनकर आशीर्वाद मांगती हैं कि उनके परिवार में सुख शांति हो और परिवार में तरक्की हो. महिलाओं ने श्रृंगार कर फल एवं जेवर द्वारा माता पार्वती का श्रृंगार भी किया.
आटे मैदा के खाधान्न,खीर, पूरी सहित अन्य मिष्ठान चढ़ाया। और विवाहित महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र तथा परिवार के सुख समृद्धि की कामना से पूजन कर व्रत किया. वहीं कुंवारी बालिकाओं ने अच्छे वर की प्राप्ति की प्रार्थना को लेकर पूजन एवं व्रत किया.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणगौर भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित एक हिदू पर्व है, जो महिलाओं की समृद्धि व पति की लंबी आयु की कामना के लिए मनाया जाता है. गणगौर की पूजा कर शिव पार्वती की कथा सुनाई.