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Rajasthan Politics: हनुमानगढ़ में फिर गरमाया जातिवाद का मुद्दा, मूल ओबीसी ने किया बड़ा ऐलान

Hanumangarh News: हनुमानगढ़ जंक्शन में मूल ओबीसी जन जागृति मंच की बैठक के बाद विधायक गणेशराज बंसल ने बड़ा बयान देकर एक बार फिर ओबीसी और मूल ओबीसी की राजनीति को हवा दे दी है. आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है...

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Hanumangarh News Zee Rajasthan
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Pratiksha Maurya|Updated: Jan 28, 2025, 09:47 PM IST
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Rajasthan News: हनुमानगढ़ जिले के जंक्शन क्षेत्र में स्थित जांगिड़-सुथार धर्मशाला में मंगलवार को मूल ओबीसी जन जागृति मंच के बैनर तले एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में मूल ओबीसी समुदाय की जातियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक का मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय और अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा करना था. प्रतिनिधियों ने निर्णय लिया कि मूल ओबीसी समुदाय की एकता बनाए रखने के लिए संगठित प्रयास किए जाएंगे. साथ ही, यह भी तय किया गया कि उन जाति विशेष के उम्मीदवारों का विरोध किया जाएगा जो मूल ओबीसी का अधिकार छीनने का प्रयास कर रहे हैं. आगामी चुनावों में ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करने की रणनीति बनाई गई.

बैठक में मूल ओबीसी समुदाय के अधिकारों और हकों के हनन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया. चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि पिछले कुछ दशकों में सम्पन्न जातियों को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के कारण मूल ओबीसी समुदाय की सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति कमजोर हुई है. मूल ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि अशोक धरू ने अपने संबोधन में कहा कि मूल पिछड़ा वर्ग राजस्थान की जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा है, लेकिन 25 साल पहले एक शिक्षित और सक्षम जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर दिया गया, जिससे इस वर्ग के अधिकारों और अवसरों का हनन हुआ. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह फैसला न केवल मूल ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय था, बल्कि इससे इस वर्ग को मिलने वाले आरक्षण और सामाजिक प्रगति के अवसरों में बाधा आई.

धरू ने यह भी बताया कि जस्टिस रणवीर सहाए वर्मा द्वारा 2002 में किया गया उप-वर्गीकरण का अध्ययन इस समस्या के समाधान में मददगार हो सकता था, लेकिन इस रिपोर्ट को अब तक लागू नहीं किया गया है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि इस रिपोर्ट को लागू किया जाए, ताकि मूल ओबीसी समुदाय को उनके वास्तविक अधिकार मिल सके. बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया और सरकार से समानता और न्याय सुनिश्चित करने की अपील की. 

बैठक में प्रतिनिधियों ने राजस्थान हाई कोर्ट के 2015 के आदेश का भी उल्लेख किया, जिसमें राज्य सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह शैक्षणिक और सामाजिक स्तर पर सर्वे कर यह सुनिश्चित करें कि सक्षम जातियों को पिछड़ा वर्ग की सूची से बाहर किया जाए. हालांकि, प्रतिनिधियों ने अफसोस जताया कि सरकार ने इस आदेश का आज तक पालन नहीं किया. 

बैठक में उपस्थित विधायक गणेश राज बंसल ने मूल ओबीसी समाज की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह सरकार से समाज के न्यायोचित अधिकार दिलाने और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में मनीराम कारगवाल, ओमप्रकाश जाखड़, महावीर प्रसाद सैन, भगवानाराम, और पवन सिंहमार सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे. सभी ने एकजुट होकर मूल ओबीसी समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक, और राजनीतिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया. 

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