Ajmer News: राजस्थान के अजमेर जिले के सोफिया सीनियर सैकेंडरी स्कूल ने स्टूडेंट्स को होली मनाने और रंग लगाने पर रोक लगायी थे. मामला गर्माया और शिक्षा मंत्री ने तक स्कूल के खिलाफ CBSE से शिकायत करने की बात कहीं. आज ही इस मुद्दे पर स्वामी बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि इस तरह सनातन के उत्सवों पर रोक लगाना ठीक नहीं है.
विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि उल्लास और होली के उत्सव में बच्चों के साथ हूं और स्कूल प्रबंधन को इस तरह का कोई अधिकार नहीं है बच्चों का अधिकार है उन्हें मनाना चाहिए. इधर अब सोफिया स्कूल प्रबंधन का बयान सामने आया है. जिसमें स्कूल का बयान बिल्कुल पलटा हुआ दिख रहा है.
सोफिया स्कूल की प्रिसिंपल सिंथिया ने कहा कि पूरे मैसेज को गलत तरीके से प्रसारित किया गया. स्कूल में 12 मार्च को होली का त्योहार है. स्कूल स्टॉफ और स्टूडेंट्स के साथ होली मनायी जाएगी. प्रिंसिपल ने कहा कि कई बार पक्के रंगों का उपयोग होली खेलने में होता है. लेकिन स्कूल की तरफ से फूलों की होली का आयोजन होगा. एनवायरमेंट फ्रेंडली कलर्स का उपयोग किया जाएगा.
पहले भी विवादों में रह चुका है स्कूल
साल 2023 में अजमेर के सोफिया सीनियर सेकंडरी स्कूल काफी सुर्खियों रहा था, जहां बच्चों से एक्टिविटी कार्ड के नाम से एक फॉर्म भरने को दिया गया. इसमें उन्हें अपनी कमर और नितम्बों का साइज लिखकर भरना था वहीं, हिप्स और वेस्ट के साइज के साथ-साथ बच्चों को एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी जमा करने के लिए कहा गया था. इस फॉर्म में अन्य कई तरह की जानकारी मांगी गई थी, जैसे लम्बाई, वजन, आंख, कान आदि. साथ ही इस फॉर्म पर किसी डॉक्टर के साइन होने जरुरी कहे गये थे.
उस समय अभिभावकों का कहना था कि स्कूल की ये हरकत गलत है. किसी भी नाबालिक लड़की के निजी अंगों के आकार के बारे में पूछना कहीं से भी सही नहीं है. बच्चा खेल में हिस्सा लेने लायक है या नहीं यह उसके वजन और लंबाई से तय होना चाहिए न कि कमर और हिप्स के आकर से.