Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम भजनलाल शर्मा पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर लाई गई भीड़ के सामने मुख्यमंत्री जी ने जवाब नहीं दिया कि बाजरे की MSP पर खरीद का वादा कब पूरा किया जाएगा? क्या यह वादा भी जुमला है?
वहीं, उन्होंने लिखा कि पेपर लीक पर बोलने से पहले भाजपा नेताओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. फरवरी, 2025 में नवलगढ़ में एक सेंटर पर RAS प्री परीक्षा के पेपर का लिफाफा खुले मिलने पर भी कोई जांच नहीं की? गई और मामला दबा दिया गया. उसकी जांच क्यों नहीं की? इसी प्रकार 2013 से 2018 की?
भाजपा सरकार में 13 पेपर लीक हुए हैं. भाजपा सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. अभ्यर्थी जब कोर्ट में गए तब जाकर पेपर लीक पर संज्ञान लिया गया. इस कारण यह पेपर लीक माफिया राज्य में पनपता गया.
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भाजपा शासित पड़ोसी राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में दर्जनों पेपर लीक हुए. सेना, ज्यूडिशियरी तक में पेपर लीक हुए लेकिन कहीं भी कड़ी कार्रवाई नहीं हुई.
हमारी सरकार के दौरान पहली बार SOG ने अभियान चलाकर कार्रवाई की और 200 से अधिक गिरफ्तारियां की गई. सरकार ने गड़बड़ी की आशंका होते ही जांच करवाई और आवश्यकता पड़ने पर पेपर रद्द किए. देश में पहली बार पेपर लीक के खिलाफ 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक सजा और 10 करोड़ रुपये तक जुर्माने का कानून बनाया, जिससे पेपर लीक पर रोक लगी.
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सब-इंस्पेक्टर भर्ती पर कैबिनेट सब कमेटी ने पेपर रद्द की सिफारिश की. हाईकोर्ट की टिप्पणियों से भी यही ध्वनि निकलती है? लेकिन तब भी पेपर लीक का आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री जी ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती पर अभी तक फैसला क्यों नहीं किया है? यह आपकी कथनी और करनी में अंतर है.