Rajasthan Heritage Conservation: जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने विकास के साथ-साथ राजस्थान की विरासत के संरक्षण पर जोर दिया. उन्होंने राज्य के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए. यह कदम राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसका विकास करने के लिए उठाया गया है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राजस्थान के सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हमारी प्राचीन विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और हमारे आस्था स्थलों का संरक्षण करके हम पर्यटन क्षेत्र को भी विकसित कर सकते हैं. इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान के विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास कार्यों की समीक्षा की गई. इस दौरान यह बात सामने आई कि युवा पीढ़ी को राजस्थान की गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से परिचित कराना आवश्यक है. यह कदम राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसका विकास करने के लिए उठाया गया है.
स्कूली विद्यार्थियों को प्रसिद्ध स्मारकों और ऐतिहासिक स्थलों की नियमित यात्राएं करवाने से उन्हें अपनी विरासत और संस्कृति के बारे में जानने का अवसर मिलेगा. इसी क्रम में, ब्रज चौरासी सर्किट को भक्ति पर्यटन के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई है. इसके लिए ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग पर पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है. परिक्रमा मार्ग सहित पूंछरी का लोठा डीग के विकास कार्यों को भी गति दी जाएगी. इसके अलावा, गोकुल जाट पेनोरमा, राजा खेमकरण पेनोरमा, देव बाबा पेनोरमा, और गोविन्द स्वामी पेनोरमा के निर्माण के लिए सभी प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को जैसलमेर के तनोट माता मंदिर में विकास कार्य करने और श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि गिरदुवाला, कुलधरा और लोंगेवाला को जैसलमेर और तनोट से जोड़ने के लिए बेहतर संपर्क स्थापित किया जाए और पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएं. शर्मा ने तनोट माता मंदिर को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने के लिए मास्टर प्लान बनाने के निर्देश भी दिए हैं.
सांभर लेक क्षेत्र को गुजरात के रण क्षेत्र की तर्ज पर विकसित करने की योजना है. जयपुर के पास स्थित यह क्षेत्र अपने सांभर फेस्टिवल के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी भाग लेते हैं. मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा है कि राज्य के बाहर स्थित मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए निर्णय लिया गया है और देवस्थान विभाग के अधिकारियों को ऐसे मंदिरों का सर्वे करने और उन्हें सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा, सांभर लेक क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे.
बैठक में राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग प्रवीण गुप्ता, शासन सचिव देवस्थान विभाग डॉ. कृष्णा कांत पाठक, शासन सचिव पर्यटन रवि जैन सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे. इस बैठक में जैसलमेर, डीग और भरतपुर जिला कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े.