Jaipur News: पॉक्सो कोर्ट ने एक कैफे के संचालक और मुख्य आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है, जिसमें यह टिप्पणी की गई है कि कैबिन उपलब्ध कराने वाला कैफे वेश्यालय के समान है. आरोपी बाबूलाल और दीपांशु पर आरोप है कि उन्होंने कैफे में अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया है. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा है कि आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और जमानत देने से मामले की जांच प्रभावित हो सकती है.
अदालत ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि ऐसे कैफे जो बंद कमरनुमा स्थान मुहैया कराते हैं, उन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए. साथ ही, अदालत ने आदेश की कॉपी पुलिस प्रशासन को भेजने का भी निर्देश दिया है ताकि वे ऐसे कैफे के खिलाफ कार्रवाई कर सकें. यह आदेश उन कैफे के लिए है जो अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं और समाज के लिए खतरा बनते हैं.
महेश नगर थाना पुलिस में एक पीड़िता ने कैफे संचालक बाबूलाल और दीपांशु के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि कैफे संचालक संबंध बनाने के लिए कैबिन का किराया वसूलते हैं. दीपांशु पर कई बार दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था. यह मामला कैफे के अवैध गतिविधियों को उजागर करता है और पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है.
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