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Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी का व्रत कल, घंटे-घड़ियाल की ध्वनि के साथ योग निद्रा से उठेंगे श्रीहरि

Dev Uthani Ekadashi 2024: साल 2024 में देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को किया जाएगा. यानी कल से सभी शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरुवात हो जाएगी. श्रीहरि को ब्रह्म मुहूर्त में घंटे-घड़ियाल बजाकर योग निद्रा से जगाया जाएगा. देवात्थान एकादशी पर भगवान विष्णु चार माह बाद निद्रा से उठेंगे.

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Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी का व्रत कल, घंटे-घड़ियाल की ध्वनि के साथ योग निद्रा से उठेंगे श्रीहरि
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Nov 11, 2024, 01:21 PM IST
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Dev Uthani Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी बहुत महत्व पूर्ण मानी गई है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इसे देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जानते हैं. इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को किया जाएगा. इस दिन से सभी मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाएगा. 

शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और पुन: सृष्टि का कार्यभार अपने हाथ में लेते हैं. आपको बता दें कि इस दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी के विवाह भी होता है. 

तिथि और मुहूर्त 

कार्तिक माह की एकादशी 11 नवंबर को शाम के 6:46 बजे से शुरु हो जाएगी और यह 12 नवंबर को शाम 04:04 बजे तक रहेगी. ऐसे में 12 नवंबर को उदय तिथि में होने की वजह से देवउठनी एकादशी का व्रत इसी दिन किया जाएगा. वहीं इसका पारण 13 नवंबर को सुबह 6 बजे के बाद किया जा सकता है. 

इस व्रत के नियम

एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस दिन कई कार्य नहीं करना चाहिए. एकादशी के दिन साधा बिना प्याज लहसुन का भोजन करना चाहिए.  इस दिन मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. वहीं चावल नहीं खाने चाहिए. देवउठनी एकादशी के दिन शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह होता है, इसलिए इन दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित होता है. 

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