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कैसे हुई थी मां लक्ष्मी का उत्पत्ति, जानें पूरी कहानी

Goddess Lakshmi Born: हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी का महत्व है. कहते हैं कि अगर मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं तो उसकी सुख-समृद्धि खत्म होने लगती है. ऐसे में आज हम आपको माता लक्ष्मी के जन्म की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं.

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Goddess Lakshmi
Goddess Lakshmi
Zee Rajasthan Web Team|Updated: Sep 28, 2024, 01:49 PM IST
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Goddess Lakshmi Born: हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी का महत्व है. माता लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी कहा जाता है. कहते हैं कि अगर मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं तो उसकी सुख-समृद्धि खत्म होने लगती है. ऐसे में आज हम आपको माता लक्ष्मी के जन्म की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं. 

हिंदू कथाओं के अनुसार,  माता लक्ष्मी के जन्म को लेकर बहुत सी कहानियां बताई जाती हैं. कहा जाता है कि लक्ष्मी की उत्पत्ति की कहानी के कई अलग-अलग संस्करण हैं. एक पौराणिक कथा के मुताबिक, कहते हैं कि माता लक्ष्मी की कहानी ऋषि दुर्वासा और भगवान इंद्र के बीच मुलाकात के बीच शुरू होती है. 

एक बार की बात है ऋषि दुर्वासा ने बहुत मान-सम्मान के साथ भगवान इंद्र को फूलों की माला भेंट की. भगवान इंद्र फूल लेते हैं और उसे पहनने की बजाए उन्होंने माला को अपने हाथी ऐरावत के माथे पर रख दी. 

वहीं, हाथी माला को पृथ्वी पर फेंक देता है. यह देख दुर्वासा क्रोधित हो जाते हैं और भगवान इंद्र को श्राप देते हुए कहते हैं कि जिस तरह उन्होंने अपने अत्यधिक अभिमान में माला धरती पर फेंक दी, उसी तरह उनका राज्य भी बर्बाद हो जाएग. 

यह कहकर दुर्वासा चले जाते हैं और भगवान इंद्र अपने घर आते हैं. दुर्वासा के श्राप के बाद भगवान इंद्र की नगरी में बदलाव होने लगते हैं. लोग और देवता अपनी शक्ति खोने लगते हैं. साथ ही सभी पेड़-पौधे मरने लगते हैं. इसके अलावा इंसान दान करना बंद कर देते हैं और सभी की इच्छाएं बेकाबू हो जाती हैं. 

इसी वक्त देवताओं और दैत्यों ने अमृत्व के लिए समुद्र मंथन की आग्रह किया. तभी देवताओं और राक्षसों द्वारा आदिम दूधिया सागर की हलचल से माता लक्ष्मी ने जन्म लिया था. इस दौरान समुद्र से 14 ग्रन्थ निकले जिनमें से माता लक्ष्मी प्रमुख थीं. 

कहते हैं कि मां लक्ष्मी इतनी सुंदर थी कि सभी देव और दैत्य उनकी तरफ खींचे चले गए. वहीं, दैत्यों ने भी उन्हें पाने की चेष्टा की. ऐसे में माता लक्ष्मी ने सुरक्षा के लिए खुद को पालनहार भगवान विष्णु को सौंप दिया था. इस दिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ उनकी पत्नी के रूप में विराजमान हैं. 

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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